बांग्लादेश को हल्के में लिया टीम इंडिया ने
बांग्लादेश के खिलाफ तीसरे और आखिरी वनडे में जीत दर्ज कर टीम इंडिया ने खुद को शर्मनाक स्थिति से बचा लिया। साथ ही मीडिया द्बारा कहे जा रहे बांग्लावॉश को भी टाल दिया। बांग्लादेश के पास खुश होने के सारे कारण हैं क्योंकि उन्होंने शानदार क्रिकेट खेली और पहले दो
(गावस्कर का कॉलम)
बांग्लादेश के खिलाफ तीसरे और आखिरी वनडे में जीत दर्ज कर टीम इंडिया ने खुद को शर्मनाक स्थिति से बचा लिया। साथ ही मीडिया द्बारा कहे जा रहे बांग्लावॉश को भी टाल दिया। बांग्लादेश के पास खुश होने के सारे कारण हैं क्योंकि उन्होंने शानदार क्रिकेट खेली और पहले दो मैच बड़े अंतर से जीते। भारतीय टीम तो इन मैचों में जीत के आसपास भी नहीं दिखी। हो सकता है कि आइसीसी विश्व कप और आइपीएल जैसे दो बड़े टूर्नामेंटों में दबाव व तनाव झेलने के बाद भारतीय खिलाड़ी थक चुके होंगे और अपने खेल का स्तर नहीं उठा पाए। शायद उन्होंने बांग्लादेश को हल्के में ले लिया क्योंकि वे उनसे यहां कभी नहीं हारे थे। खैर कारण चाहे कुछ भी रहा हो, सच्चाई यह है कि बांग्लादेशी टीम ने भारत को हर क्षेत्र में पछाड़ा। वनडे क्रिकेट में खासतौर पर उनका आत्मविश्वास काफी बढ़ गया है। जिस तरह से बांग्ला खिलाड़ी खुलकर खेले, उससे 2007 का विश्व कप याद आ गया, जब उन्होंने भारत को पहले दौर में बाहर कर दिया था। उस समय जो युवा खिलाड़ी बेखौफ होकर खेले थे, वो अब परिपक्व हो चुके थे और उन्होंने आक्रामक क्रिकेट खेला।
ठीक इसी तरह का क्रिकेट खेलते हुए इंग्लैंड टीम ने वनडे सीरीज में शानदार वापसी करते हुए जीत हासिल की। आखिरी मैच में उनकी जीत की कोई स्थिति नहीं थी, लेकिन इंग्लैंड के नए खिलाडिय़ों ने हार नहीं मानी और कीवी टीम के खिलाफ 3-2 से सीरीज जीती। जिस समय जब कोच को लेकर इतनी बातें हो रही हैं, यह याद रखना बेहद अहम है कि इंग्लैंड ने अपने नंबर-2 पॉल फारब्रेस के नेतृत्व में सीरीज जीत की।