हार की निराशा पीछे छोड़ आगे बढ़ना होगा भारत को
हर्षा के मुताबिक सर्वश्रेष्ठ लोग आत्ममंथन करते हैं, खुद में सुधार करते हैं और हार को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ते हैं।
(हर्षा भोगले का कॉलम)
अक्सर हम सभी लोग जिंदगी में यह अनुभव करते हैं कि हार से ज्यादा उसकी प्रतिक्रिया से नुकसान तय होता है। सर्वश्रेष्ठ लोग आत्ममंथन करते हैं, खुद में सुधार करते हैं और हार को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ते हैं। इसी तरह भारत को बेंगलुरु की ओर बढ़ना चाहिए। उनके कौशल पर किसी को कोई शक नहीं है, लेकिन वापसी करने की उनकी योग्यता ही देखना रोचक होगा।
एक खिलाड़ी की सफलता में आत्मविश्वास बहुत जरूरी है। 'मैं कर सकता हूं' या 'क्या मैं कर सकता हूं', इन दोनों के बीच का फर्क ही काफी कुछ तय करता है। ऐसी स्थिति में ही कप्तान और खुद एक शानदार खिलाड़ी रहे कोच की भूमिका अहम हो जाती है। सीरीज की शुरुआत से पहले भारत का पलड़ा भारी माना जा रहा था और उसके अपने कारण भी थे। हालांकि टीम की कमजोरी उजागर हो गई है और आत्मविश्वास को थोड़ा झटका लगा है, लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि अच्छे खिलाड़ी रातोंरात बुरे बन गए। पहला सेट भले ही हार गए हों, लेकिन मैच में अभी भी वापसी की जा सकती है।
उधर दूसरे खेमे में मैच खत्म होने के बाद खिलाड़ी एक-दूसरे की ओर देख रहे थे। ऐसा लग रहा था कि मानो पूछ रहे हों, 'क्या सच में हमने ऐसा कर दिखाया?' जीत के बाद उनकी प्रतिक्रिया देखने लायक थी। क्या वे ओबामा की तरह खुद से कहेंगे, 'हां, हम कर सकते हैं?' क्या वो यह सोचेंगे कि किले को भले ही जीता न गया हो, लेकिन सेंध तो जरूर लगा दी है? क्या वो ये सोचेंगे कि यह टेस्ट मैच ऐतिहासिक था और बार-बार ऐसे मौके नहीं देखे जा सकते? हार की ही तरह जीत से भी काफी कुछ अजीब चीजें होती हैं। ऑस्ट्रेलिया के पास तीन स्टार हैं, स्टार्क, ओफीकी और स्मिथ। तीन सहायक हैं, बल्ले से रेनशॉ, फील्डिंग में हैंड्सकांब और गेंद से लियोन। वॉर्नर और हेजलवुड अच्छे खिलाड़ी हैं, जिनकी बड़ी भूमिका होगी और इसी तरह वे मार्श बंधुओं से भी प्रभावी खेल की उम्मीद कर रहे होंगे।
भारत के लिए उमेश यादव ने अच्छा प्रदर्शन किया। वह भारत के इकलौते ऐसे गेंदबाज बन गए हैं, जो रिवर्स स्विंग कराते हैं। वह एक अच्छे खिलाड़ी की तरह फिट दिख रहे हैं और उम्मीद है कि कोहली उन्हें ज्यादा से ज्यादा गेंदबाजी देंगे। भारत को अब जल्द से जल्द शमी के फिट होने की जरूरत है। इस पर चर्चा हो सकती है कि भारत को चार गेंदबाजों के साथ उतरना है या पांच के साथ। अभी आत्मविश्वास थोड़ा सा हिला हुआ है, लेकिन निराशा को पीछे छोड़ते हुए बेंगलुरु में रोमांचक मुकाबले के लिए खुद को तैयार करने के लिए पर्याप्त समय है।
(पीएमजी)