जीत में सभी का योगदान
टॉस हारने के बावजूद भारत के लिए यह परफेक्ट मैच रहा। उन्होंने बमुश्किल कोई गलती की। सिर्फ दूसरे दिन ही चाय काल के बाद टीम थोड़ा लड़खड़ाई थी।
(सुनील गावस्कर का कॉलम)
टॉस हारने के बावजूद भारत के लिए यह परफेक्ट टेस्ट मैच रहा। उन्होंने बमुश्किल कोई गलती की। सिर्फ दूसरे दिन ही चाय काल के बाद टीम थोड़ा लड़खड़ाई थी। मगर भारतीय स्पिनरों ने बल्ले से योगदान देते हुए भारत को संकट से उबार दिया। इसके बाद उन्होंने पेस और स्पिन दोनों विभागों में अच्छी गेंदबाजी करते हुए इंग्लिश बल्लेबाजों को समेट दिया और यह सुनिश्चित किया कि भारत को चौथी पारी में च्यादा बड़े लक्ष्य का पीछा न करा पड़े। इस जीत में पूरी टीम ने अपना योगदान दिया, इसलिए यह एक लगभग परफेक्ट जीत थी।
पार्थिव ने टीम में अपनी वापसी को बिल्कुल सही साबित किया। अच्छी विकेटकीपिंग के साथ उन्होंने दोनों पारियों में रन भी बनाए। दुर्भाग्य से उनसे एक गलती हुई, जिसे ज्यादा ही तवज्जो दी गई। उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से केएल राहुल के चोट से नहीं उबरने की स्थिति में भारत की ओपनिंग समस्या को काफी हद तक सुलझा दिया है।
हालांकि मुरली विजय जिस ढंग से दोनों पारियों में शॉर्ट पिच गेंद पर आउट हुए, वह भारत के लिए चिंता की बात है। ओपनिंग बल्लेबाज का छह में से तीन पारियों में इस तरह आउट होना सवाल खड़े करता है। अंजिक्य रहाणे ने स्लिप पर शानदार कैच लेते हुए खतरनाक रूट को आउट किया। अगर अन्य खिलाड़ी भी उनकी तरह कैच पकड़ सकें तो भारत की समस्या दूर हो सकती है। रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा की जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है। दोनों ने न सिर्फ गेंद से बल्कि बल्ले से भी टीम की जीत में योगदान दिया। अश्विन ने शुरुआत में जडेजा की मदद की और उन्हें बड़े शॉट खेलने से रोका। जडेजा ने जिस ढंग की प्रतिबद्धता दिखाई, उससे वह शतक के पूरे हकदार थे। मगर छक्का मारने के प्रयास में वह विकेट गंवा बैठे और पहले टेस्ट शतक से चूक गए।
जयंत यादव एक अच्छी खोज साबित हो रहे हैं। उन्होंने धैर्य से बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतक पूरा किया। तीसरे दिन के अंत में उन्होंने फॉर्म में चल रहे जॉनी बेयरस्टॉ का विकेट भी लिया। इसके बाद बटलर को भी चलता किया। मुहम्मद शमी ने उम्दा गेंदबाजी से निचले क्रम को चलता किया। बस क्रिस वोक्स और आदिल रशीद ने ही थोड़ा संघर्ष किया।
(पीएमजी)