काबिलियत बनाती है धवन को टीम का अहम हिस्सा: गावस्कर
एक और शानदार जीत के साथ भारत ने विश्व कप में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ जीत का सिलसिला जारी रखा। शिखर धवन और विराट कोहली की जुझारू और दृढ़-निश्चयी पारियों के बाद सुरेश रैना की बेहद प्रभावशाली पारी की मदद से भारत को यह जीत हासिल हुई। बल्लेबाजों के
(गावस्कर का कॉलम)
एक और शानदार जीत के साथ भारत ने विश्व कप में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ जीत का सिलसिला जारी रखा। शिखर धवन और विराट कोहली की जुझारू और दृढ़-निश्चयी पारियों के बाद सुरेश रैना की बेहद प्रभावशाली पारी की मदद से भारत को यह जीत हासिल हुई। बल्लेबाजों के बाद अश्विन की अगुआई में भारतीय गेंदबाजों ने लगातार अंतराल पर विकेट चटकाकर लक्ष्य का पीछा कर रही पाकिस्तानी टीम पर से कभी भी दबाव कम नहीं होने दिया।
कई लोगों ने टीम में धवन की जगह को लेकर संशय जताया था, लेकिन वनडे में जैसा उनका पिछला रिकॉर्ड है और विपक्षी टीम से मैच छीन लेने की जो उनमें काबिलियत है, वह उन्हें टीम का एक अहम हिस्सा बनाता है। हम जिस तरह की पारी खेलने के लिए शिखर को जानते हैं, पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने उससे एकदम अलग पारी खेली। उन्हें इस बात का अहसास था कि पिछली कई पारियों में वह रन बनाने में नाकाम रहे हैं और वह क्रीज पर ज्यादा से ज्यादा ओवर जमे रहने को दृढ़ संकल्प दिखे। वह जानते थे कि यदि वह ऐसा करने में सफल रहे तो फिर रन तो अपने आप ही बनने लगेंगे। शुरुआत में जब लंबे कद के गेंदबाज इरफान गेंद को ज्यादा उछाल दे रहे थे वह ज्यादा सजग दिखे और इरफान के अटैक से हटते ही आत्मविश्वास के साथ शॉट लगाने लगे।
विराट के साथ उन्होंने लाजवाब साझेदारी निभाई। विराट भी टूर्नामेंट की शुरुआत से पहले लय में नजर नहीं आ रहे थे, लेकिन एक बार फिर उन्होंने बताया कि एडिलेड का मैदान उन्हें पसंद है, जहां वह इससे पहले तीन टेस्ट शतक जमा चुके थे। विकेट के बीच दोनों की रनिंग भी शानदार रही। रन चुराने की कोहली की चाहत धवन पर भारी पड़ गई और वह रन आउट हो गए, लेकिन उपकप्तान ने इसके बाद सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली और शतक जमाया। लेकिन वह सुरेश रैना थे, जिसने भारत की पारी को गति प्रदान की, हालांकि वह शतक से चूक गए, लेकिन जाने से पहले वह टीम को बेहद ही अच्छी स्थिति में पहुंचा गए। जडेजा को फॉर्म में चल रहे रहाणे के ऊपर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया, लेकिन यह प्रयोग सफल नहीं हो सका। भारत आखिरी में कुल स्कोर से करीब 20 रन पीछे रह गया, लेकिन उनको इस बात की मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल थी कि विश्व कप में पाकिस्तानी टीम कभी भी भारत पर जीत हासिल नहीं कर सकी है।
जब से भारतीय टीम ऑस्ट््रेलियाई दौरे पर गई है सही मायने में यह उसकी पहली विजय है। यह टूर्नामेंट का शुरुआती दौर है, लेकिन जैसा कि कहा जाता है अच्छी शुरुआत से आधी लड़ाई आप यूं ही जीत लेते हैं अब उम्मीद यही की जाएगी कि टीम इंडिया का मनोबल बढ़ा होगा और वे आगे के मुकाबलों में पूरे आत्मविश्वास के साथ उतरेंगे।