स्टार्क और हेजलवुड से भी रहना होगा सतर्क
कोहली और उनके खिलाडि़यों को इस बुरे सपने से जल्द उबरना होगा।
(रवि शास्त्री का कॉलम)
पुणे में मिली करारी शिकस्त की गर्द इतनी जल्दी बैठने वाली नहीं है। हार का गम तो समय के साथ कम हो जाएगा, लेकिन प्रतिष्ठा पर लगी चोट का क्या? कोहली और उनके खिलाडि़यों को इस बुरे सपने से जल्द उबरना होगा।
स्टीफन ओकीफी ने संयमित और नपीतुली गेंदबाजी की। लगता है कि भारतीय इस हमले के लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने अपने शॉट गलत लाइन में खेले। यहां तक कि उन्होंने क्रीज पर अपने पैरों का भी सही इस्तेमाल नहीं किया। सब जानते हैं कि बिना कदमों का इस्तेमाल किए या फ्रंट फुट पर स्पिन खेलना कितना घातक होता है। यह ऐसा मसला है जिसका मेजबान टीम को कोई हल खोजना होगा। साथ ही ओकीफी की लय बिगाड़ने का रास्ता भी।
यह बात सही है कि पहली पारी में पिछड़ने के बाद ही टीम इंडिया आधी लड़ाई हार गई थी। कंगारुओं ने दूसरे दिन मैच पर अपना शिकंजा कस लिया था। मेजबान टीम को कैच छोड़ने और डीआरएस के लिए गए फैसले उलटे पड़ने का भी खामियाजा भुगतना पड़ा। पहली की तरह दूसरी पारी ढहने से ऑस्ट्रेलिया का काम आसान हो गया।
वहीं, दूसरी ओर स्टीव स्मिथ थे, जिन्होंने स्पिनरों की मददगार पिच पर शानदार पारी खेली। प्रतिकूल हालात में उन्होंने अपना विकल्प चुना और उस पर अडिग रहे। नतीजतन वह ऐसी पारी खेलने में सफल रहे जिससे मेहमान टीमें लंबे समय तक प्रेरणा लेती रहेंगी।
ओकीफी तो हैं ही भारतीयों को स्टार्क और हेजलवुड व नाथन लियोन से सभी सावधान रहना होगा। ऑस्ट्रेलिया के पास स्टार्क व हेजलवुड के रूप में तेज गेंदबाजों की बेहतरीन जोड़ी है। अपना दिन होने पर ऑस्ट्रेलिया के ये चारों गेंदबाज मैच विजेता साबित हो सकते हैं। वहीं, मुझे इस बात पर जरा भी हैरानी नहीं होगी अगर टीम इंडिया जरूरत होने के बावजूद स्पिनर की कीमत पर किसी बल्लेबाज को एकादश में जगह न दे। लेकिन उसे दबदबा बनाना है तो बेंगलुरु में रनों का अंबार खड़ा करना होगा।
(टीसीएम)