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धौनी हैं तो उम्मीद है

ये महेंद्र सिंह धौनी की मौजूदगी ही है जो हमें ये कहने से रोकती है कि राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स की उम्मीदें लगभग खत्म हो चुकी हैं। कौन भूल सकता है टी-20 विश्व कप में बांग्लादेश के खिलाफ मैच की आखिरी गेंद पर धौनी के रन आउट को जिससे जीत भारत

By ShivamEdited By: Published: Thu, 05 May 2016 01:19 AM (IST)Updated: Thu, 05 May 2016 01:21 AM (IST)
धौनी हैं तो उम्मीद है

(रवि शास्त्री का कॉलम)

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ये महेंद्र सिंह धौनी की मौजूदगी ही है जो हमें ये कहने से रोकती है कि राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स की उम्मीदें लगभग खत्म हो चुकी हैं। कौन भूल सकता है टी-20 विश्व कप में बांग्लादेश के खिलाफ मैच की आखिरी गेंद पर धौनी के रन आउट को जिससे जीत भारत की झोली में आ गई थी। ऐसे बहुत से मौके आए हैं, जब धौनी ने मैच का रुख बदल दिया।

कुछ खिलाड़ी अजेय होते हैं। डॉन ब्रैडमैन के बारे में ऐसा कहा जाता है। नौवें दशक में विव रिच‌र्ड्स और इमरान खान की भी कुछ ऐसी ही छवि थी। माइक ब्रिअर्ली ने विपरीत से विपरीत परिस्थिति में भी कई बार इंग्लैंड को जीत दिलाई है वो भी बिना रन बनाए। ऐसे खिलाड़ी आपको फील्ड पर हराने से पहले दिमागी तौर पर ही हरा देते हैं।

गुरुवार को होने वाले मैच में दिल्ली डेयरडेविल्स को पुणे के चार विदेशी खिलाडि़यों फाफ डुप्लेसिस, केविन पीटरसन, स्टीवन स्मिथ और मिशेल मार्श का सामना नहीं करना पड़ेगा। ये उसके लिए राहत वाली बात है। आर अश्विन विकेट के लिए वैसे ही तरस रहे हैं जैसे महाराष्ट्र पानी के लिए। हालांकि मानसून कभी भी आ सकता है। पुणे की स्थिति ऐसी है कि 200 बनाने के बावजूद उसे जीत नसीब नहीं हो रही। फिर भी ये नहीं भूलना चाहिए कि इस टीम के पास धौनी हैं और उनकी मौजूदगी विरोधी टीम की चिंता के लिए काफी है।

किसी को भी नहीं पता था कि ये दिन भी देखने को मिलेगा। पुणे ने गत चैंपियन मुंबई इंडियंस को उसके घर में पटखनी देकर अपने अभियान की शुरुआत की थी। लेकिन इसके बाद टीम पटरी से उतर गई। धौनी बोलते कम हैं, लेकिन उनका गंभीर चेहरा काफी कुछ बयां कर देता है।

दिल्ली के खिलाफ मैच में पुणे की रणनीति देखना दिलचस्प होगा। इसलिए नहीं की टीम जीतती है या हारती है। बल्कि इसलिए की धौनी अपनी टीम को संजोने के लिए क्या करते हैं। जॉर्ज बेली या उस्मान ख्वाजा अथवा दोनों टीम के लिए लकी साबित होते हैं। जोश हो तो असंभव को भी संभव किया जा सकता है। पुणे को भी अपने खेमे में से ऋषभ पंत जैसा खिलाड़ी खोजना होगा। पुणे को पूरी होशियारी से खेलना होगा, क्योंकि दिल्ली ने इमरान ताहिर और कार्लोस ब्रेथवेट के बिना गुजरात को शिकस्त दी।

(टीसीएम)


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