Move to Jagran APP

कोहली के विकल्प के रूप में तैयार हो चुके हैं रोहित

पिछले कुछ दिनों में दो चीजें तो बिल्कुल साफ हो गईं। पहली पारी में बढ़त हासिल करने के बावजूद न्यूजीलैंड पर इंग्लैंड की शानदार जीत ने दिखा दिया कि उसे टेस्ट मैच जीतने के लिए किसी कोच की जरूरत नहीं है। यह जीत ऐसे समय में आई है, जब इंग्लैंड

By sanjay savernEdited By: Published: Sat, 30 May 2015 06:42 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2015 08:58 PM (IST)
कोहली के विकल्प के रूप में तैयार हो चुके हैं रोहित

(गावस्कर का कॉलम)

loksabha election banner

पिछले कुछ दिनों में दो चीजें तो बिल्कुल साफ हो गईं। पहली पारी में बढ़त हासिल करने के बावजूद न्यूजीलैंड पर इंग्लैंड की शानदार जीत ने दिखा दिया कि उसे टेस्ट मैच जीतने के लिए किसी कोच की जरूरत नहीं है। यह जीत ऐसे समय में आई है, जब इंग्लैंड का ध्यान पीटरसन प्रकरण को लेकर बंटा हुआ है। इसके अलावा नए कोच को लेकर भी काफी चर्चा हो रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खिलाडिय़ों को कोच के रूप में एक ऐसे मार्गदर्शक की जरूरत होती है, जो सकारात्मक माहौल बनाए और खिलाडिय़ों को खेल को खेल की तरह खेलने के लिए प्रेरित करे न कि खेल को जीने-मरने का सवाल बनाए।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कोच के पद को कुछ ज्यादा ही तवज्जो दी जाती है। खिलाडिय़ों को इस स्तर पर एक गाइड, एक मेंटर की जरूरत होती है। कोच की जरूरत किसी खिलाड़ी को युवा अवस्था में करियर की शुरुआत में होती है। यहां पर युवा खिलाड़ी को तकनीकी पक्ष के बारे में बताने की जरूरत नहीं होती बल्कि धैर्य और सबसे ज्यादा अहम गेम के ऐसे पहलुओं के बारे में बताना होता है, जो कोचिंग बुक में नहीं होती। जैसे कि सिंगल रन लेते वक्त किस हाथ में बल्ला होना चाहिए और हमेशा गेंद पर नजर बनाए रखनी चाहिए। फील्डिंग के वक्त हमेशा एक नजर कप्तान पर रखकर अंतिम क्षण में बदलाव किया जा सकता है। रन के लिए दौड़ते वक्त हमेशा बल्ले को क्रीज से लगाते हुए ड्रैग करना, दो लोगों के बीच कैच लेते वक्त जोर से आवाज लगाना। यह अच्छे बेसिक्स हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आप पाएंगे कि अधिकतर खिलाड़ी ऐसा नहीं करते और इसके भयानक परिणाम निकलते हैं।

दूसरी चीज यह भी साफ हो गई है कि अगर कभी विराट कोहली चोटिल होते हैं, तो उनके विकल्प के रूप में रोहित शर्मा पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं। जिस ढंग से उन्होंने मुंबई का नेतृत्व किया है, उससे साफ है कि यह खिलाड़ी काफी परिपक्व हो गया है। उनकी कप्तानी की अच्छी बात यह रही कि उन्होंने बल्लेबाजी में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। शॉट चयन को लेकर अब वह काफी परिपक्व हो गए हैं और इस वजह से मैच पर अच्छा प्रभाव छोड़ रहे हैं। बेहद दबाव भरे माहौल में उन्होंने अच्छी कप्तानी की।

क्रिकेट की खबरों के लिए यहां क्लिक करें

खेल की खबरों के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.