बेंगलूर के पास अभी भी मौका
बेंगलूर ने अपने अभियान की शुरुआत बिना विराट कोहली और एबी डिविलियर्स के की थी।
(रवि शास्त्री का कॉलम)
बेंगलुरु में मंगलवार रात को बारिश ने मैच ही नहीं, बल्कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर की उम्मीदों को भी धो डाला। विराट कोहली की टीम के साथ ऐसा न तो खिलाडि़यों की चोटों और न ही खराब फॉर्म की वजह से हुआ, बल्कि यह खेल खेला कुदरत ने, जिसने उसे टूर्नामेंट से बाहर होने के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया।
बेंगलूर ने अपने अभियान की शुरुआत बिना विराट कोहली और एबी डिविलियर्स के की थी। यह वैसा ही था जैसे दुल्हे के बिना बारात। इसमें बैंड बाजा, गीत संगीत और डांसर तो थे, लेकिन उनका स्वागत करने वाला कोई नहीं था। उन्हें बिना स्वागत के बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
पहले डिविलियर्स आए और फिर कप्तान कोहली बेंगलूर की टीम में लौटे। दोनों ही शानदार अंदाज में लौटे। लेकिन क्रिस गेल और शेन वॉटसन का बल्ला खामोश ही रहा। हालांकि केदार जाधव ने दम दिखाया और एक योद्धा की तरह आगे बढ़कर टीम के किले को संभाला। बावजूद इसके आरसीबी रनों के लिए जूझती रही। इसके बाद रनों की बरसात शुरू हुई। क्रिस गेल का बल्ला बोला तो कोहली भी चले। दोनों ने पहले विकेट के लिए सौ रन की साझेदारी की। इससे टीम ने निर्धारित बीस ओवर में 200 का स्कोर खड़ा किया। गुजरात लायंस से मिली करारी शिकस्त भी उन्हें जगा नहीं पाई। अगले मैच में कोलकाता नाइटराइडर्स ने उन्हें आइपीएल के न्यूनतम स्कोर 49 पर ही रोक दिया। उनका कोई भी बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा तक नहीं छू सका। लेकिन अभी भी मौका है, जब बेंगलूर प्रशंसकों की उम्मीदों पर खरा उतर सकता है। उसके पास छह मैच हैं, लेकिन उसे सभी में जीत दर्ज करनी होगी। यही समय है जब उसे लोगों का भरोसा बनाए रखना होगा।
(टीसीएम)