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पूर्व भारतीय धुरंधर ने कहा, 'अब इंडिया को निडर होकर खेलने की जरूरत'

घरेलू हालात में इस मोड़ पर भारतीय टीम आगे है, लेकिन अभी तक वह सीरीज जीतने की दावेदार नहीं है।

By Bharat SinghEdited By: Published: Fri, 24 Mar 2017 10:27 AM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2017 11:11 AM (IST)
पूर्व भारतीय धुरंधर ने कहा, 'अब इंडिया को निडर होकर खेलने की जरूरत'
पूर्व भारतीय धुरंधर ने कहा, 'अब इंडिया को निडर होकर खेलने की जरूरत'

रवि शास्त्री का कॉलम

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ऑस्ट्रेलिया की घर वापसी में अब पांच दिन का समय है, हालांकि गेंदबाजों की मददगार धर्मशाला की पिच को देखते हुए कुछ लोगों का कहना है कि यह समय सिर्फ चार दिन का है। यहां उन्हें स्पिन के भूत से छुटकारा मिल सकता है, क्योंकि इस मैदान पर तेज गेंदबाजों का वर्चस्व रहने वाला है। 

दो बराबर की टीमों के बीच यह मुकाबला हिमालय की वादियों में गर्माहट पैदा कर सकता है। ज्यादातर मौकों पर ऑस्ट्रेलियाई टीम ने सभी क्षेत्रों में सुर्खियां बटोरी हैं। उसके बल्लेबाज, स्पिनर, तेज गेंदबाज सभी इसकी वजह रहे। हालांकि घरेलू हालात में इस मोड़ पर भारतीय टीम आगे है, लेकिन अभी तक वह सीरीज जीतने की दावेदार नहीं है। 
यह घर में एक तरह की अपरिचित सी स्थिति है। सच कहूं तो इस सीरीज में ऑस्ट्रेलिया ने अपना स्तर ऊंचा उठाया है। ऑस्ट्रेलिया अब तक जो प्रदर्शन करने में सफल रहा है उसका ज्यादातर श्रेय बल्लेबाजों को जाता है। शीर्ष और निचले क्रम के बल्लेबाज एक साथ खड़े नजर आए हैं, खासतौर से दो नए चेहरे रेनशॉ और हैंड्सकांब। वे इस तरह स्पिन खेलते हैं जैसे कि वे ऐसा जीवनभर करते आए हों। वे गेंद को जल्द भांपते हैं और इसे हल्के हाथ से खेलते हैं। 
स्टीव स्मिथ और शॉन मार्श शुरुआती उपनिवेशकों के उन नाविकों की तरह बुद्धिमान हैं जो युद्ध जीतने की योजना के पीछे होते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि पिछले कुछ सप्ताह में वार्नर का बल्ला शांत रहा है। वह ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्हें पिच पर देखा जाएगा।
भारत को इस टेस्ट को जीतने की पूरी कोशिश करनी चाहिए। ऑस्ट्रेलिया को आश्चर्यचकित करने के लिए उनके हमले को शांत रहकर दबाना चाहिए। उन्हें निडर होकर क्रिकेट खेलने की कोशिश करनी चाहिए। कौन जानता है कि यहां के हालात में शमी या भुवी या पांच गेंदबाज दबाव बना सकते हैं।

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सत्र की समाप्ति के साथ स्पिनरों का बोझ भी कम होगा। विराट कोहली को खेलों का डोनाल्ड ट्रंप कहा जाना और खेल पेज पर बिना किसी सूत्र के सॉरी की स्पैलिंग पर बयानबाजी मुझे अटपटी लगी। यह ऑस्ट्रेलिया को बदसूरती का नया रूप देगा। न तो ऑस्ट्रेलिया और न ही क्रिकेट इसके लायक है।

(टीसीएम)

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