टीम इंडिया के अन्य बल्लेबाजों को भी देना होगा योगदान
भारत को सेमीफाइनल उस वानखेड़े के उस मैदान पर खेलना है, जो शायद उसे सबसे कम पसंद है। कुछ महीने पहले इसी मैदान पर दक्षिण अफ्रीका ने वनडे में भारतीय गेंदबाजी की धज्जियां उड़ाते हुए 438 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया था। हालांकि अब गेंदबाजी काफी अलग है
(सुनील गावस्कर का कॉलम)
भारत को सेमीफाइनल उस वानखेड़े के उस मैदान पर खेलना है, जो शायद उसे सबसे कम पसंद है। कुछ महीने पहले इसी मैदान पर दक्षिण अफ्रीका ने वनडे में भारतीय गेंदबाजी की धज्जियां उड़ाते हुए 438 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया था। हालांकि अब गेंदबाजी काफी अलग है और टीम में अनुभवी आशीष नेहरा, जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पांड्या हैं। नेहरा और बुमराह न सिर्फ शुरुआत में विकेट ले रहे हैं, बल्कि अंतिम ओवरों में भी अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं। पांड्या भले ही आखिरी ओवरों में रन लुटा रहे हैं, लेकिन उन्हें विकेट भी मिल रहे हैं। सबसे अहम बात कि उन्हें भाग्य का साथ मिल रहा है। अगर गेंदबाज को फुलटॉस पर भी विकेट मिलता है, तो इसे किस्मत ही कहेंगे और बांग्लादेश के खिलाफ हमें यह देखने को मिला भी। धौनी उन्हें टीम से बाहर नहीं बैठाएंगे, क्योंकि उन्हें पता है कि वह अच्छी फील्डिंग के साथ-साथ बड़े शॉट खेलने का भी दम रखते हैं।
दूसरी तरफ वेस्टइंडीज ने टीम में अनुभवी लेंडल सिमंस को शामिल किया है, जो आइपीएल में मुंबई इंडियंस की तरफ से खेलते हैं और यहां की परिस्थितियों से वाकिफ हैं। गेल के साथ उनकी ओपनिंग जोड़ी काफी मजबूत दिख रही है। धौनी एक बार फिर गेल के सामने अश्विन को लाना चाहेंगे, क्योंकि गेल को गेंद का इंतजार करना पसंद नहीं है।
इस टूर्नामेंट में अधिकतर मैच विराट कोहली ने ही जिताएं हैं। अब समय आ गया है जब अन्य खिलाड़ी उनसे प्रेरणा लेकर अपना योगदान दें। अगर ओपनर अच्छी शुरुआत देते हैं, तो कोहली मैदान में उतरने के बाद अपनी मर्जी से शॉट मार सकते हैं, जिससे भारतीय टीम बड़ा स्कोर खड़ा कर सकती है। भारतीय टीम का पलड़ा भारी है, लेकिन टी-0 ऐसा प्रारूप है, जहां पर क्रिकेट पंडित बेवकूफ दिखाई देते हैं।
(पीएमजी)