फॉर्म के आधार पर दोनों टीमों में ज्यादा अंतर नहीं
हाल के समय में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच की प्रतिद्वंद्विता भारत और पाकिस्तान से भी ज्यादा बड़ी हो चुकी है। क्योंकि पाक टीम अब पहले जैसी नहीं रही है। इन दोनों के बीच बेहद रोमांचक मुकाबले देखने को मिल रहे हैं और मोहाली में भी माहौल अलग नहीं होगा। 1877 में
सुनील गावस्कर का कॉलम
हाल के समय में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच की प्रतिद्वंद्विता भारत और पाकिस्तान से भी ज्यादा बड़ी हो चुकी है। क्योंकि पाक टीम अब पहले जैसी नहीं रही है।
इन दोनों के बीच बेहद रोमांचक मुकाबले देखने को मिल रहे हैं और मोहाली में भी माहौल अलग नहीं होगा। 1877 में खेले गए पहले टेस्ट मैच से ही ऑस्ट्रेलियाई टीम कड़ी चुनौती पेश करती रही है। ऑस्ट्रेलिया हमेशा से ही ऐसी टीम है, जिसे हराना मुश्किल था।
भारतीय क्रिकेट में सुधार में भी ऑस्ट्रेलिया का योगदान है। टीम इंडिया ने लगभग हर साल ही ऑस्ट्रेलिया से मैच खेले, जिससे उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला। उनकी खासियत है कि वे कभी हार नहीं मानते और बांग्लादेश के खिलाफ भारतीय टीम में भी यह जज्बा देखने को मिला।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी भारत को इसी जोश के साथ उतरना होगा। यह मुकाबला अब क्वार्टर फाइनल का रूप ले चुका है। जो टीम जीतेगी वो सेमीफाइनल में जाएगी। इसलिए यह मैच काफी बड़ा हो गया है। ऑस्ट्रेलिया कभी भी टी-20 विश्व कप नहीं जीती है, इसलिए वे निश्चित तौर पर इस ट्रॉफी को जीतना चाहेंगे। जबकि भारत मेजबान के तौर पर खिताब जीतने वाला देश बनने की कोशिश में है।
दोनों ही टीमों ने न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच गंवाने के बाद अच्छी वापसी की। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी टीम इंडिया से ज्यादा अच्छी दिख रही है। भारतीय बल्लेबाजों को अच्छी शुरुआत तो मिली, लेकिन वे इसे बड़ी पारी में तब्दील करने में विफल रहे हैं। अगर पिछले मैच को देखें तो मोहाली की पिच पर गेंद स्पिन नहीं होगी, यह स्थिति दोनों टीमों के बल्लेबाजों के लिए आदर्श है।
ऑस्ट्रेलिया की टीम में ज्यादा गहराई है। जेम्स फॉकनर 7वें नंबर पर उतरते हैं। मौजूदा फॉर्म के आधार पर दोनों टीमों में अंतर करना मुश्किल है। हमेशा की तरह वही टीम जीतेगी, जो अपने दिमाग को शांत रख सकेगी।