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कुछ महीनों में ही छा गए मुस्तफिजुर

आज हम मुस्तफिजुर रहमान की बात करेंगे। न तो उनकी कद-काठी बहुत मजबूत है और न ही उनकी गेंदों में बहुत अधिक तेजी है।

By sanjay savernEdited By: Published: Sat, 14 May 2016 08:43 PM (IST)Updated: Sat, 14 May 2016 08:52 PM (IST)
कुछ महीनों में ही छा गए मुस्तफिजुर

(शास्त्री का कॉलम)

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आज हम मुस्तफिजुर रहमान की बात करेंगे। न तो उनकी कद-काठी बहुत मजबूत है और न ही उनकी गेंदों में बहुत अधिक तेजी है। वह क्रिकेट गेंद को स्विंग कराने वाले दुनिया के एकमात्र गेंदबाज भी नहीं हैं। हर कोई कटर्स गेंदें डाल सकता है। वह गेंद कराने के बाद मुस्कुराते भी हैं, जो तेज गेंदबाजों से कम देखने को मिलता है। तो आखिर क्या वजह है कि विशेषज्ञ टी-20 प्रारूप में उन्हें मौजूदा समय का सर्वश्रेष्ठ युवा तेज गेंदबाज मानते हैं।

अब आंकड़ों से इस बात की पुष्टि करते हैं। उन्होंने भारत के खिलाफ शुरुआत करते हुए वनडे सीरीज में दो बार पांच या उससे अधिक विकेट चटकाए। इस गेंदबाज ने टेस्ट पदार्पण करते हुए जिन तीन धुरंधर बल्लेबाजों का शिकार किया, उनके नाम अमला, डुमिनी और डिकॉक हैं। या फिर आइपीएल के इस सीजन को ही ले लीजिए जहां वह पहली बार हिस्सा ले रहे हैं। कोई भी बल्लेबाज उन पर दबदबा बनाने में सफल नहीं हो सका। मुस्तफिजुर ने महज चंद महीनों में वह मुकाम और प्रतिष्ठा हासिल कर ली है, जिसे पाने में ताउम्र लग जाती है। ऐसा लग रहा है जैसे कल ही की बात हो जब वह बांग्लादेश में अपने गांव के किसी तालाब किनारे बैठे हों।

इतिहास गवाह है कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज अपने प्रदर्शन में रहस्य समेटे रहते थे। चाहे कुंबले हों, वार्न, मुरली या मैक्ग्रा। इन सभी गेंदबाजों ने अपने लंबे करियर में टेस्ट क्रिकेट के दौरान मुश्किल से दो रन प्रति ओवर की दर से रन दिए। ये सभी अपनी-अपनी भूमिका में फिट थे और अपने शिकार के साथ खेलने में इन्हें बड़ा मजा आता था। बल्लेबाजों की कई पीढिय़ां उनका तोड़ नहीं निकाल पाईं। इन गेंदबाजों की गोल्डन बॉल ने उन्हें कभी निराश नहीं किया।

मुस्तफिजुर के पास भी ऐसी ही एक खास गेंद है, जिस पर उनका कमाल का नियंत्रण है। उनके तरकश में जहां एक ओर बेहतरीन स्विंग, तेज कटर्स और यॉर्कर है तो एक ऐसी गेंद भी है जो लगभग रुकती हुई अंत में उछलकर बल्लेबाजों के पास पहुंचती है। दिलचस्प बात है कि इस दौरान उनके गेंदबाजी एक्शन में कोई बदलाव नहीं होता, सिर्फ उनकी कलाई का कमाल होता है कि गेंद किस्तों में बल्लेबाज तक पहुंचाती है। एक मैच में एक अन्य युवा बल्लेबाज ऋषभ पंत ने मुस्तफिजुर की गेंदों पर एक चौका और एक छक्का जड़ दिया। अब बांग्लादेश में इस बात को लेकर चर्चा हो रही है कि मुस्तफिजुर पर थकान हावी हो गई है। ऐसे में अब काउंटी टीम ससेक्स तनाव में है। मुस्तफिजुर को अब उसके साथ जुडऩा है तो यह तनाव लाजिमी भी है। तो अब यह बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड पर है जो मुस्तफिजुर को सहेजकर रखना चाहेगा। मुस्तफिजुर को संभाले जाने की जरूरत है। आखिर वह युवा हैं और उनका शरीर अभी उतना मजबूत नहीं है। उन्हें सोच समझकर इस्तेमाल करने की जरूरत है।

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