रोहित पर निर्भरता कम करनी होगी मुंबई को
जीवन मुश्किलों से भरा है। यह बात मुंबई इंडियंस पर सटीक बैठती है। अपार प्रतिभा और बल्लेबाजी में गहराई के बावजूद इस टीम के लिए मौजूदा सत्र मिलाजुला रहा है। दो बार तो उनके कप्तान ने टीम की नैया पार लगाई, लेकिन कभी-कभी उनके लिए यह भी पर्याप्त नहीं होता।
(रवि शास्त्री का कॉलम)
जीवन मुश्किलों से भरा है। यह बात मुंबई इंडियंस पर सटीक बैठती है। अपार प्रतिभा और बल्लेबाजी में गहराई के बावजूद इस टीम के लिए मौजूदा सत्र मिलाजुला रहा है। दो बार तो उनके कप्तान ने टीम की नैया पार लगाई, लेकिन कभी-कभी उनके लिए यह भी पर्याप्त नहीं होता।
शनिवार रात जैसा कि फुटबॉल में कहावत है, दिल्ली के खिलाफ उन्होंने आत्मघाती गोल कर लिया। रोहित शर्मा देर तक टिके रहे, लेकिन उनकी मौजूदगी काफी नहीं थी। उन्होंने कुछ चीजों की कोशिश की है, जैसे पिंच हिटर भेजना। लेकिन यह फैसला काफी देर से किया गया। क्या उनमें निरंतरता का अभाव है? हम जानते हैं, मुंबई इंडियंस समय निकलने से पहले अपना दांव मारेगी। उनके पास बहुत हुनर और योग्यता है। वे ऐसा पहले भी कर चुके हैं, लेकिन ये वर्तमान समस्या का हल नहीं है। गत विजेता तेजी से जगह खो रहे हैं, तेज तूफान में उन्हें एक तिनके ने थामा हुआ है।
पार्थिव पटेल और रोहित शर्मा की सलामी जोड़ी चल नहीं पा रही है। पटेल लय में नहीं हैं और यदि आपने देखा हो तो ज्यादातर टीमों की सलामी जोड़ी अच्छा कर रही हैं। मसलन फिंच व मैकुलम, वार्नर व धवन और गंभीर व उथप्पा। ये सलामी बल्लेबाज तालमेल बैठाए हुए हैं। लिंडल सिमंस की चोट वास्तव में मंुबई के लिए एक झटका है। उभरते हार्दिक पांड्या ज्यादा रन के हकदार हैं, लेकिन उन्हें पुछल्लों के साथ खेलना होता है। बटलर और पोलार्ड अभी तक लय में नहीं आए हैं। गुप्टिल का ऊपर जाना और बटलर को दस्ताने पहनाना एक विकल्प हो सकता है। उनके लिए अच्छा है कि सोमवार के उनके प्रतिद्वंद्वी की स्थिति उनकी तरह की ही है। किंग्स इलेवन पंजाब ने अपने ज्यादातर मैच सामान्य बल्लेबाजी की वजह से हारे हैं। मैक्सवेल और मिलर अभी तक लय में नहीं हैं।
(टीसीएम)