Move to Jagran APP

जीत का चौका लगाने पर होगी मुंबई की नजर

क्या फिलहाल कोई ऐसी टीम है जो आइपीएल में अगले दौर की दौड़ से बाहर हो चुकी है। तकनीकी रूप से कोई नहीं, लेकिन आप कह सकते हैं कि पंजाब की टीम जीवन रक्षक प्रणाली पर टिकी हुई है। वे ऐसे बंटाईदार किसान हैं, जिनकी अपनी कोई जमीन नहीं है

By sanjay savernEdited By: Published: Mon, 04 May 2015 08:15 PM (IST)Updated: Mon, 04 May 2015 08:18 PM (IST)
जीत का चौका लगाने पर होगी मुंबई की नजर

(रवि शास्त्री का कॉलम)

loksabha election banner

क्या फिलहाल कोई ऐसी टीम है जो आइपीएल में अगले दौर की दौड़ से बाहर हो चुकी है। तकनीकी रूप से कोई नहीं, लेकिन आप कह सकते हैं कि पंजाब की टीम जीवन रक्षक प्रणाली पर टिकी हुई है। वे ऐसे बंटाईदार किसान हैं, जिनकी अपनी कोई जमीन नहीं है और न ही अपनी ही पैदावर पर उनका कोई हक है। उनका हाल उस किसान का है, जिसका हर कोई फायदा उठाता है। अब तो, पिछले सत्र की शुरुआत में जैसा उन्होंने धमाकेदार प्रदर्शन किया था, कुछ वैसे ही प्रदर्शन से वे खुद को बचा सकते हैं। शायद यह भी काफी न हो। यहां मन को बहलाने के लिए यह भी सोचा जा सकता है कि अन्य टीमों का किस्मत उनसे रूठ जाए, जिससे पंजाब की उम्मीद बनी रहे।

मंगलवार को दिल्ली और मुंबई आपस में भिड़ेंगे। मुंबई की टीम ने लगातार तीन जीत हासिल की हैं और अन्य तीन जीत के साथ वे खुद को सुरक्षित जोन में पहुंचा सकते हैं। अपने घर पर कुछ मैच जीतने के बाद दिल्ली नए पंखों के साथ उड़ान भर रही थी, लेकिन मुंबई में खेले पिछले मैच में उन्हें भी झटका लगा। आखिरी गेंद पर दो मुकाबले गंवाने वाली दिल्ली की टीम कब कैसा प्रदर्शन करेगी कहना मुश्किल है। दोनों टीमों के पास अच्छे सलामी बल्लेबाज हैं। मुंबई के पास पार्थिव और लिंडल जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं, लेकिन घरेलू क्रिकेट के दो युवा खिलाड़ी श्रेयस और मयंक अग्र्रवाल ने सभी को चौंकाया है। दोनों टीमों की पिछली टक्कर में अय्यर ने अपनी पारी में पांच छक्के लगाए थे।

दोनों टीमों के कई सितारे खिलाड़ी गायब हैं। मुंबई ने एरोन फिंच और कोरी एंडरसन को चोट की वजह से खोया। इधर दिल्ली में मुहम्मद शमी नहीं है और जहीर केवल दो मैच में ही उतर सके हैं। युवराज के बगैर उन्होंने खेलना सीख लिया है। हालांकि यह ऑलराउंडर किसी भी दिन अपना सारा बकाया वापस करने की कुव्वत रखता है। हो सकता है वह मंगलवार की शाम को ही गर्म बना दें। इन दो टीमों के सामने चुनौती अब यह है कि आगे चढ़ाई सीधी है और अब पैर को जमाते हुए आगे बढऩा आसान नहीं है। बचपन में खेले सांप-सीढ़ी खेल की तरह यहां भी एक गलत चाल टीम को पाताल में पहुंचा सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.