कोहली ने खेली परफेक्ट टेस्ट पारी
गावस्कर ने कहा, बहुत कम ही ऐसा होता है जब आपको एक परफेक्ट टेस्ट पारी देखने को मिलती है।
(सुनील गावस्कर का कॉलम)
बहुत कम ही ऐसा होता है जब आपको एक परफेक्ट टेस्ट पारी देखने को मिलती है। वानखेड़े स्टेडियम में कई भाग्यशाली लोगों ने चौथे टेस्ट मैच के तीसरे दिन ऐसी पारी देखी। पिछले दो साल में विराट कोहली एक महान बल्लेबाज के रूप में आगे बढ़े हैं। घरेलू मैदान में उन्होंने ऐसी पारी खेली, जिसे देखकर हर कोई खुशी से झूम उठा। पहली गेंद से आउट होने तक उन्होंने लगभग सब चीजें बिल्कुल ठीक की। क्रीज पर उनका संतुलन, फॉरवर्ड और बैक पर उनकी मूवमेंट, पिच के दोनों ओर ढेर सारे शॉट्स और शॉर्ट पिच पर खेले गए उनके शॉट को देखकर तो कोई भी उन पर 2000 का अपना नया नोट कुर्बान कर देगा। कुछ लोग यह मानते थे कि शॉर्ट गेंद के खिलाफ वह असहज महसूस करते हैं। ऐसे में जब स्क्वॉयर लेग पर पुल कर करते हैं, तो गेंदबाजों को साफ कर देते हैं कि उनकी गेंद की स्पीड उनसे तेज नहीं है। पारी के अंत तक भी विकेट के बीच उनकी दौड़ काफी अच्छी रही।
एक महान बल्लेबाज की पहचान होती है कि वह अपने साथ के बल्लेबाज को भी आगे बढ़ाते हैं। हमने यह जयंत यादव की बल्लेबाजी में देखा। मेरा विश्वास कीजिए कि एक समय ऐसा भी था जब जयंत यादव शॉट लगाने के मामले में अपने कप्तान को टक्कर दे रहे थे। कोई भी कप्तान नंबर नौ पर जयंत यादव जैसे बल्लेबाज को पाकर खुश होगा।
कोई भी बल्लेबाज 26-27 साल की उम्र में अपने चरम पर पहुंचता है। उस समय वह मानसिक और शारीरिक तौर पर सबसे ज्यादा मजबूत होता है और इसके बाद अगर वह अपना ध्यान रखता है, तो 34- 35 की उम्र तक शीर्ष पर बना रह सकता है। कोहली की उम्र सिर्फ 28 साल है और वह भारतीय टीम में सबसे ज्यादा फिट हैं। ऐसे में वह अगले कुछ वषरें तक शीर्ष पर बने रह सकते हैं। यह सोचकर भी सिर चकराने लगता है कि इस दौरान वह कितना कुछ हासिल कर लेंगे। यह साफ है कि जब वह क्रिकेट को अलविदा कहेंगे तब तक उनके रिकॉर्ड उनके नाम को चरितार्थ कर रहे होंगे।
प्रशंसक हमेशा अपने पंसदीदा खिलाडि़यों की तुलना करते हैं। इस समय भी ऐसी चर्चा आम है। जो रूट का नाम हमेशा विराट कोहली, स्टीव स्मिथ, केन विलियमसन के साथ लिया जाता है। सभी बल्लेबाज 30 से कम उम्र के हैं। कोहली की पारी देखने वाले रूट मुंबई की जनता को अपनी प्रतिभा दिखाने को बेताब थे। उन्होंने भारतीय स्पिनरों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया और उत्साह व समझ के साथ बल्लेबाजी की। जॉनी बेयरस्टॉ के साथ मिलकर उन्होंने अच्छी साझेदारी की। बेयरस्टॉ भी एक अच्छे बल्लेबाज के रूप में आगे बढ़ रहे हैं। मगर रूट एक बार फिर से बड़ी पारी खेलने में विफल रहे। भारत को इंग्लैंड की पारी को जल्द से जल्द निपटा देना चाहिए, लेकिन अगर भारत को दोबारा बल्लेबाजी करनी पड़ती है, तो यह इंग्लैंड के लिए छोटी सी उपलब्धि होगी।
(पीएमजी)