टीम के लिए कवच की तरह हैं कोहली
मुश्किल परिस्थितियों में जिस सहजता से विराट कोहली खेल रहे हैं वो उनकी कुशलता को दर्शाता है। वह मौजूदा समय में दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज हैं। इन्होंने खुद को बेहतर से महान में परिवर्तित कर लिया है। बिना बेतुके शॉट्स लगाए और बिना कोई नया शॉट इजाद किए जिस
(के.श्रीकांत का कॉलम)
मुश्किल परिस्थितियों में जिस सहजता से विराट कोहली खेल रहे हैं वो उनकी कुशलता को दर्शाता है। वह मौजूदा समय में दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज हैं। इन्होंने खुद को बेहतर से महान में परिवर्तित कर लिया है। बिना बेतुके शॉट्स लगाए और बिना कोई नया शॉट इजाद किए जिस तेजी से विराट रन बटोर रहे हैं वो उनकी क्षमता प्रदर्शित करता है।
ये कोहली और युवराज सिंह की साझेदारी थी जिससे भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ मैच जीता। लेकिन दोनों बल्लेबाजों के क्लास में अंतर साफ दिखाई दिया। लग रहा था दोनों अलग-अलग विकेट पर खेल रहे हैं। कोहली अपने सीनियर साथी के लिए पूरी तरह से कवच बन गए और टीम को लक्ष्य तक ले जाने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली। महान खिलाड़ी ऐसा ही करते हैं। वह आगे बढ़कर खुद काम को अंजाम देते हैं।
जीत हमेशा ही मीठी होती है। लेकिन भारतीय खेमे की कुछ कमियां भी उजागर हुई हैं। मुहम्मद आमिर के शानदार स्पैल ने टॉप ऑर्डर की कमजोरी साबित कर दी। ये श्रीलंका के खिलाफ पुणे टी-20 का दोहराव जैसा था। जब भी विकेट से गेंदबाजों को मदद मिलती है कुछ बल्लेबाज संघर्ष करते नजर आते हैं।
दूसरी ओर पाकिस्तान को फाइनल में पहुंचने के लिए इस हार से जल्द उबरना होगा। पाकिस्तानी बल्लेबाज किसी भी गेंदबाजी आक्रमण से निपटने में सक्षम हैं। विशेष तौर पर टी-20 फॉर्मेट में उनसे बेहतर करने की उम्मीद होती है। लेकिन फिलहाल ऐसे बल्लेबाज नजर नहीं आते जो मजबूत टीमों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकें। मौजूदा लाइन अप थकी सी नजर आ रही है। जिसमें गेंदबाजों को उलझन में डालने के विचारों की कमी है। हालांकि आमिर की अगुआई में तेज गेंदबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। इसमें कोई दो राय नहीं की गेंदबाजों ने प्रशंसकों को चीयर करने का मौका दिया। प्रत्येक फैन अपनी टीम को जीतते हुए देखना चाहता है लेकिन वो अच्छी प्रतियोगिता को भी सराहता है। इसका श्रेय आमिर को जाता है जिनकी वजह से सरहद के दोनों ओर के फैंस को रोमांचक मुकाबला देखने को मिला।
(टीसीएम)