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गेल को बाहर करना प्रबंधन का मास्टरस्ट्रोक

गेल को पिछले मैच में बाहर बैठना पड़ा। ऐसी बातें कभी कभार ही हुआ करती हैं। भले ही वह अपनी ऑफ स्पिन गेंदबाजी नहीं कर पा रहे हैं, क्षेत्ररक्षण के दौरान वह मैदान पर गेंद के पीछे दो चार कदम भी नहीं भाग पा रहे हैं। लेकिन बल्लेबाजी में वह

By ShivamEdited By: Published: Thu, 23 Apr 2015 07:25 PM (IST)Updated: Thu, 23 Apr 2015 07:27 PM (IST)
गेल को बाहर करना प्रबंधन का मास्टरस्ट्रोक

(रवि शास्त्री का कॉलम)

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गेल को पिछले मैच में बाहर बैठना पड़ा। ऐसी बातें कभी कभार ही हुआ करती हैं। भले ही वह अपनी ऑफ स्पिन गेंदबाजी नहीं कर पा रहे हैं, क्षेत्ररक्षण के दौरान वह मैदान पर गेंद के पीछे दो चार कदम भी नहीं भाग पा रहे हैं। लेकिन बल्लेबाजी में वह अभी भी क्रीज पर पैर जमाने में कामयाब हो रहे हैं।

लेकिन ऐसा हुआ। उन्हें बाहर बैठाया गया। इसकी वजह जाननी होगी। क्या गेल सही में खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं? शायद नहीं, क्योंकि उस मैच तक उन्होंने बेंगलुरु के किसी भी बल्लेबाज से ज्यादा रन बनाए थे। क्या छक्के लगाने में नाकाम हो रहे थे? एक बार फिर नहीं, क्योंकि तब तक उन्होंने सबसे ज्यादा छक्के लगाए थे। शायद चार से ज्यादा विदेशी खिलाडि़यों को अंतिम एकादश में शामिल नहीं करने की बाध्यता सामने आ गई होगी। लेकिन यह बाध्यता डिविलियर्स और मिशेल स्टार्क पर भी लागू होती है। और ज्यादा नाम लें तो रिली रोसू और डेविड विज भी इस नियम से बंधे हैं। इतने विकल्प होने के बावजूद बेंगलुरु के इकलौते मैन ऑफ द मैच को बाहर बैठना पड़ा। केवल एक कारण नजर आता है और वह है जीत का प्रतिशत। टीम जीत हासिल नहीं कर पा रही थी और कुछ दिनों पहले ही विश्व कप में पहला दोहरा शतक जमाने वाले बल्लेबाज को मैच से बाहर बैठना पड़ा।

मुंबई के खिलाफ मैच में गेल ने अपने पैरों पर खुद कुल्हाड़ी मारी। विपक्षी टीम ने 200 से ऊपर का लक्ष्य दिया था और बेंगलुरु को पावर प्ले में ज्यादा से ज्यादा रन जुटाने की जरूरत थी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। मुख्य वजह गेल रहे, जिन्होंने 24 गेंदों पर बिना एक भी चौके-छक्के के केवल 10 रन बनाए। जब टीम को उनसे धमाकेदार पारी की सबसे ज्यादा जरूरत थी उन्होंने बेहद धीमी पारी खेली। इस पारी के बाद हार की नैतिक जिम्मेदारी गेल की बनती थी और शायद इसलिए उन पर कुल्हाड़ी चली। गेल ने अपनी टीम को कमजोर किया था और उनके साथी यह चाहते थे कि यह बात वह भी समझें।

यह एक मास्टर स्ट्रोक हो सकता है। टीम ने अपनी बात खिलाडि़यों के सामने रख दी है। अब मैं उम्मीद करता हूं कि राजस्थान के खिलाफ गेल एक बार फिर अंतिम एकादश में नजर आएंगे। टीम में कोहली और डिविलियर्स जैसे बेहद ही प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं, लेकिन इस शाओलिन ग्रुप के प्रमुख गेल ही हैं। मास्टर को फिर से अपनी सेवा शुरू करने के लिए कहा जाना चाहिए। टीम में सरफराज जैसे कुछ युवा हैं जो उन्हें देखकर बहुत कुछ सीख सकते हैं। तो तैयार हो जाइए, आ रहा है गेल तूफान।

(टीसीएम)

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