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मिश्रा को बाहर करना सही नहीं होगा

एलिस्टेयर कुक ने खुद ही स्वीकार किया था कि ज्यादा साहसी कप्तान भारत को 240 रन का लक्ष्य दे सकता था।

By ShivamEdited By: Published: Wed, 16 Nov 2016 08:28 PM (IST)Updated: Wed, 16 Nov 2016 08:29 PM (IST)
मिश्रा को बाहर करना सही नहीं होगा

(सुनील गावस्कर का कॉलम)

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पहले टेस्ट में इंग्लैंड ने भारत को खतरे में डालकर अच्छा प्रदर्शन किया। एलिस्टेयर कुक ने खुद ही स्वीकार किया था कि ज्यादा साहसी कप्तान भारत को 240 रन का लक्ष्य दे सकता था, लेकिन शायद कुक ऐसा नहीं कर सके। हालांकि दूसरी पारी में उनकी बल्लेबाजी टीम के लिए बेशकीमती थी। दोनों पारियों में उन्होंने दिखा दिया कि भारतीय स्पिनरों को खेलना इतना भी मुश्किल नहीं है। सही तकनीक, धैर्य और प्रतिबद्धता से न सिर्फ उन्हें खेला जा सकता है बल्कि उनकी गेंदों पर रन भी बनाए जा सकते हैं।

यह सही है कि राजकोट की पिच पर ज्यादा स्पिन नहीं थी और इससे बल्लेबाजों को समय मिल गया। भारतीय स्पिनरों ने भी विकेट लेने के लिए जरूरी लैंथ पर गेंदबाजी नहीं की। जडेजा को चौथे और पांचवें दिन टर्न और बाउंस मिली, लेकिन उसे खेला जा सकता था क्योंकि वह विकेट लेने से ज्यादा छक्का खाने से बचना चाहते थे। अगर बल्लेबाज आगे बढ़कर शॉट न खेले तो वह स्पिन को आसानी से खेल या छोड़ सकता था। अगर इंग्लैंड की टीम बांग्लादेश के बजाय पहले यहां आती, तो वह संघर्ष कर सकती थी, लेकिन वहां उन्होंने स्पिन को खेलना और हल्के हाथ से शॉट खेलना सीखा। साथ ही क्रीज का इस्तेमाल भी उन्होंने वहां सीखा।

पहली पारी में भारतीय बल्लेबाजों ने भी इंग्लैंड के स्कोर के पास पहुंचकर अच्छा किया, लेकिन दूसरी पारी में वह इंग्लिश स्पिनरों के आगे लड़खड़ा गए। यह चिंता की बात है कि जिस पिच पर गेंद पहले दिन से स्पिन होगी, वहां अगर भारत को आखिरी पारी में बल्लेबाजी करनी पड़ी पड़ी तो मुश्किल हो सकती है। इसी आधार पर भारतीय टीम का चयन होगा और करुण नायर छठे बल्लेबाज के रूप में टेस्ट पदार्पण कर सकते हैं। ऐसे में अमित मिश्रा को बाहर बिठाना गलत होगा, क्योंकि इसी मैदान पर तीन हफ्ते पहले उन्होंने पांच विकेट लिए थे। लेकिन राजकोट में कोहली ने जिस ढंग से उनका इस्तेमाल किया, उसे देखकर लगता है कि बाकी दो स्पिनरों पर उनका ज्यादा भरोसा है। शेन वार्न कहते हैं कि लेग स्पिनरों के साथ प्यार से व्यवहार करना चाहिए। लेकिन मौजूदा दौर में कम कप्तान ही इस जोखिम को उठाने को तैयार रहते हैं, क्योंकि वह थोड़े महंगे साबित हो सकते हैं। इंग्लैंड की दूसरी पारी में मिश्रा ने तीन में से दो विकेट लेकर यह दिखा दिया कि अगर लंबा स्पैल दिया जाए तो वह प्रभावी साबित हो सकते हैं।

जेम्स एंडरसन को टीम में वापसी करनी चाहिए, इससे इंग्लैंड की गेंदबाजी मजबूत होगी। विश्व क्रिकेट में उनसे बेहतर गेंद को दोनों ओर कोई स्विंग नहीं कराता है। ऐसे में भारतीय बल्लेबाजों खासतौर से ओपनरों की परीक्षा होगी। दोनों टीमों की असली परीक्षा अब शुरू होगी।

(पीएमजी)


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