फायदे में रहती हैं आइपीएल टीमें
सोमवार को डॉलफिंस के सामने चेन्नई सुपरकिंग्स की चुनौती होगी। इस मैच में जो भी टीम हारेगी, टूर्नामेंट में उसके अवसरों को करारा झटका लगेगा।
(रवि शास्त्री का कॉलम)
सोमवार को डॉलफिंस के सामने चेन्नई सुपरकिंग्स की चुनौती होगी। इस मैच में जो भी टीम हारेगी, टूर्नामेंट में उसके अवसरों को करारा झटका लगेगा। चैंपियनशिप के ग्र्रुप 'एÓ में काफी गहराई है। कोलकाता नाइटराइडर्स और चेन्नई के बारे में तो हम सभी जानते हैं। साथ ही पर्थ स्कॉर्चर्स और डॉलफिंस की टीम भी बढिय़ा हैं।डॉलफिंस ने अपने पिछले मुकाबले में महज 12 रन पर तीन विकेट गंवा दिए थे और उसके बावजूद अंत तक हार नहीं मानी। मेरे लिए वह एक ऐसी टीम है जिसे अपने मजबूत पक्ष के बारे में पता है।
चेन्नई की टीम की मजबूती के बारे में क्या कहा जाए, वह तो बेमिसाल है। सुनील नरेन की किफायती गेंदबाजी के बावजूद धौनी और उनकी टीम ने टूर्नामेंट के आगाज मैच में अच्छा खासा स्कोर खड़ा कर दिया था। कोलकाता और पंजाब के साथ वह टूर्नामेंट की बेहद मजबूत टीमों में से एक है।
अगर आपने नोटिस किया हो तो यह तीनों आइपीएल टीमें हैं। बावजूद इसके इतने साल में गैर आइपीएल टीमें इस टूर्नामेंट में थोड़े लाभ की स्थिति के साथ उतरती रही हैं। आइपीएल टीमों की तरह उनके खिलाडिय़ों और उनके खेल के बारे में लोगों को अधिक जानकारी नहीं होती। जब तक आप उनके खिलाडिय़ों के कमजोर और मजबूत पक्षों को समझना शुरू करते हैं तब तक काफी देर हो चुकी होती है। ऐसे में बेंगलूर में डॉलफिंस के खिलाफ चेन्नई को हर हाल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।
दोनों टीमों की बल्लेबाजी में गहराई है जिसका मतलब हुआ कि दोनों ही लक्ष्य का पीछा करना पसंद करेंगी। बेंगलूर में यह सीजन का पहला मैच है, ऐसे में पिच के बारे में अनुमान लगाना भी आसान काम नहीं होगा। चिन्नास्वामी स्टेडियम पर खेलते हुए सभी पहलुओं पर गौर किया जाए तो लक्ष्य का पीछा करके ही आगे बढऩे की राह निकल सकती है। चेन्नई की टीम में ईश्वर पांडे और मोहित शर्मा के प्रदर्शन पर निगाहें होंगी, जो राष्ट्रीय टीम में जगह पक्की करने की रेस में आगे निकलना चाहेंगे। सोमवार को इस प्रतिद्वंद्विता को आप बिल्कुल भी मिस नहीं करना चाहेंगे।
(टीसीएम)