नरेन से बचना होगा हैदराबाद को
अब जबकि आइपीएल-9 अपने अंजाम के करीब है सुनील नरेन की गेंदों में धार लौट आई है। हालांकि मौजूदा सत्र में ज्यादातर समय उनका प्रदर्शन फीका ही रहा। रविïवार को सनराइजर्स हैदराबाद और कोलकाता नाइटराइडर्स के बीच हुए मैच में नरेन ने पिच को बखूबी पढ़ा और वार्नर एंड कंपनी
(शास्त्री का कॉलम)
अब जबकि आइपीएल-9 अपने अंजाम के करीब है सुनील नरेन की गेंदों में धार लौट आई है। हालांकि मौजूदा सत्र में ज्यादातर समय उनका प्रदर्शन फीका ही रहा। रविïवार को सनराइजर्स हैदराबाद और कोलकाता नाइटराइडर्स के बीच हुए मैच में नरेन ने पिच को बखूबी पढ़ा और वार्नर एंड कंपनी को अपने जाल में उलझाने में सफल रहे। उन्होंने दोबारा शिकार करना शुरू कर दिया है। बुधवार को दिल्ली में होने वाले एलिमनेटर मैच में हैदराबाद टीम के लिए वह किसी सिरदर्द से कम नहीं होंगे।
हालांकि मौजूदा सत्र में नरेन का प्रदर्शन उनके कद के अनुरूप नहीं रहा है। गेंदबाजी एक्शन में बदलाव के कारण वह कमजोर पड़े हैं। बल्लेबाजों के लिए रनों का कफ्र्यू लगाने में नरेन ज्यादा सफल नहीं हुए हैं। हालांकि कुछ मैचों के बाद नरेन ने साबित कर दिया कि वह पुराने नरेन के डमी हैं।
हमें नहीं पता की कोलकाता की टीम का लडख़ड़ाना नरेन की असफलता के कारण था या नहीं। लेकिन इस बार उन्होंने जरूरत से ज्यादा मैच गंवाए जो आम तौर पर होता नहीं। लेकिन ये टीम की मजबूती ही थी कि पिछले मैच में हैदराबाद को अतिरिक्त बल्लेबाज के साथ खेलने के बावजूद हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में नरेन निर्णायक साबित हुए। नरेन के फॉर्म में लौटने से टीम को आंद्रे रसेल की कमी नहीं खल रही।
दूसरी ओर हैदराबाद की टीम इस अहम मोड़ पर फिसल रही है। पिछले दोनों मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा है। गेंदबाज लय में नहीं दिख रहे, नेहरा के बाहर होने से ये विभाग और कमजोर पड़ा है। युवराज पहली ही गेंद से आक्रमण कर रहे हैं। जबकि उन्हें पता है कि पांव जमाने के बाद ही बड़ी पारी खेली जा सकती है। हैदराबाद को वार्नर से ज्यादा की जरूरत है।