हैदराबाद को धवन-युवी से बड़ी पारी की उम्मीद
बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में रविवार को आइपीएल की चमचमाती ट्रॉफी के लिए दो दक्षिण भारतीय पड़ोसी टीमें आमने-सामने होंगी। एक दिन पहले ही बेंगलुरु पहुंची हैदराबाद टीम की तुलना में बेंगलूर को तरोताजा होने का थोड़ा अधिक समय मिला है। ऐसे में कोच टॉम मूडी को एक आखिरी बार
(गावस्कर का कॉलम)
बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में रविवार को आइपीएल की चमचमाती ट्रॉफी के लिए दो दक्षिण भारतीय पड़ोसी टीमें आमने-सामने होंगी। एक दिन पहले ही बेंगलुरु पहुंची हैदराबाद टीम की तुलना में बेंगलूर को तरोताजा होने का थोड़ा अधिक समय मिला है। ऐसे में कोच टॉम मूडी को एक आखिरी बार हैदराबाद की टीम को अंतिम लड़ाई जीतने के लिए प्रोत्साहित करना होगा, ताकि यह पल खिलाड़ी हमेशा याद रखें। टीम के कप्तान डेविड वार्नर तो बेहतरीन फॉर्म में हैं और अपनी टीम को बेहतरीन ढंग से फाइनल में लेकर गए हैं। जिस तरह से उन्होंने टीम की अगुआई की है, जिस तरह से उन्होंने खिलाडिय़ों की गलती के बावजूद अपना धैर्य बनाए रखा है, वह काबिलेतारीफ है।
उन्होंने बल्लेबाजी में भी जबरदस्त प्रदर्शन किया है। अगर बेंगलूर के कप्तान विराट कोहली इतनी बेमिसाल लय में नहीं होते तो वार्नर निश्चित रूप से टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज होते। मूडी को शिखर धवन और युवराज सिंह से भी एक शानदार पारी की उम्मीद होगी। यह दोनों बल्लेबाज अभी तक अपनी लय में नहीं दिखे हैं, लेकिन यहां एक बड़ी पारी पिछली सारी बातों को भुलाने में मदद कर सकती है। इससे फाइनल में वार्नर से दबाव भी कुछ कम हो जाएगा। चोटिल मुस्तफिजुर की जगह ट्रेंट बोल्ट टीम में आए हैं और उन्होंने शुरुआती विकेट भी लिया। मगर वह जिस लेंथ पर स्विंग कराते हैं, अंतिम ओवरों में वह बल्लेबाजों के लिए मुफीद होती है। ऐसे में डेथ ओवरों में वह महंगे साबित हो सकते हैं। कोहली भले ही पिछले मुकाबले में बिना खाता खोले पवेलियन लौटे हों, मगर लगता है कि वे फाइनल में बड़ी पारी खेलेंगे और आइपीएल इतिहास में एक सीजन में 1000 रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी बन जाएंगे। क्रिस गेल अधिकतर फाइनल में बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहते हैं, फिर वह चाहे वेस्टइंडीज के लिए हो या फ्रेंचाइजी के लिए। मगर वह भी इस तथ्य में बदलाव करना चाहेंगे। वहीं एबी डिविलियर्स भी इस बात को सुनिश्चित करना चाहेंगे कि अब तक की गई उनकी कड़ी मेहनत फाइनल में बेकार न हो जाए।
कागजों पर तो यही लगता है कि बेंगलूर की टीम हर विभाग में संतुलित है। उनकी बल्लेबाजी जबरदस्त लय में है, जिसमें राहुल और वॉटसन ने भी उपयोगी योगदान दिया है। जबकि चहल और वॉटसन ने डेथ ओवरों में बल्लेबाजों पर लगाम कसने में सफलता हासिल की है। टीम के फील्डरों ने भी अविश्वसनीय कैच लिए हैं। बेशक फेयरप्ले ट्रॉफी की रेस में यह टीम थोड़ा पिछड़ गई है, लेकिन अगर विजेता ट्रॉफी उनके हाथ में आती है तो उसे इससे अधिक फर्क नहीं पड़ेगा। दोनों टीमों की कमान ऐसे हाथों में है जो अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना जानते हैं और मोर्चे से अगुआई करना पसंद करते हैं। निश्चित रूप से यह खिताबी मुकाबला आइपीएल का सर्वश्रेष्ठ मैच साबित होने वाला है।