जीत की राह पर लौटना चाहेंगे लायंस
गुजरात टीम की जीत का क्रम तोड़ा जा चुका है, जबकि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर की टीम को टूर्नामेंट में उतार- चढ़ाव का सामना करना पड़ रहा है। यह दोनों टीमें रविवार को राजकोट में आमने-सामने होंगी। दोनों ही एक- दूसरे से मौका छीनने की जुगत में रहेंगी, ताकि फिर से
(गावस्कर का कॉलम)
गुजरात टीम की जीत का क्रम तोड़ा जा चुका है, जबकि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर की टीम को टूर्नामेंट में उतार- चढ़ाव का सामना करना पड़ रहा है। यह दोनों टीमें रविवार को राजकोट में आमने-सामने होंगी। दोनों ही एक- दूसरे से मौका छीनने की जुगत में रहेंगी, ताकि फिर से जीत की राह पर लौट सकें। बेंगलूर ने पुणे टीम के खिलाफ अपने लक्ष्य का सफलतापूर्वक बचाव किया और ऐसा दो बार करने वाली वह इस टूर्नामेंट की अब तक की अकेली टीम है। इस टूर्नामेंट में जिन टीमों ने जीत हासिल की है, उसमें पिचों ने अहम भूमिका निभाई है। इसका श्रेय यहां के आयोजकों को जाना चाहिए, जिन्होंने गर्मी, नमी और पानी से जुड़े मुद्दों के बाद भी इतनी शानदार पिच तैयार की। जहां दूसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाली टीमों को भी कोई समस्या नहीं हुई। इसी वजह से स्पिनर भी इस टूर्नामेंट में पहले की तरह ज्यादा हावी नहीं हो पाए।
जो टीमें अच्छा कर रही हैं, उनके ओपनर्स समय लेकर बल्लेबाजी कर रहे हैं। लायंस को मैकुलम से उतने रन नहीं मिले, जितनी उन्होंने उम्मीद की थी। क्योंकि कीवी स्टार ने पहले ही ओवर में रन बटोरने के लिए काफी समय बर्बाद किया। एरोन फिंच की इस वक्त जो फॉर्म है, उसके आधार पर देखें, तो गुजरात टीम को स्कोर बोर्ड पर रनों का बड़ा लक्ष्य खड़ा करने में मदद मिलेगी। रैना अपनी आदत के अनुसार ही शानदार बल्लेबाजी कर रहे हैं। गुजरात की टीम जानती है कि बड़े नामों से सजी बेंगलूर टीम के खिलाफ उन्हें बोर्ड पर एक बड़ा स्कोर खड़ा करना जरूरी है, ताकि वे कोहली और डिविलियर्स को चुनौती दे सकें। ये दोनों ही बल्लेबाज शानदार फॉर्म में हैं। क्रिस गेल जब टीम में शामिल होंगे, तो वे अपने पिता बनने की खुशी को भी पूरे जोश से मनाना चाहेंगे, ऐसे में गेंदबाजों के लिए राह आसान नहीं होगी।
पुणे ने धीमी शुरुआत की है और उन टीमों की तरह जो गेंदबाजी के लिए संघर्ष करती हैं वे भी अपना बचाव नहीं कर सकी हैं। उन्होंने भी बेंगलूर टीम को हराने के उद्देश्य से शुरुआत की, लेकिन आखिर में पाया कि वे बल्लेबाजी में धारा से बाहर जा रहे हैं। उन्हें अपने खेल के स्तर को बढ़ाने की जरूरत है, ताकि वे सेमीफाइनल में जगह बना सकें। कोलकाता टीम का नेतृत्व गौतम गंभीर कर रहे हैं, जो अच्छा खेल रहे हैं। अब पिछली बार की तरह अनिश्चितता का माहौल नहीं है। अब नजर आता है सकारात्मक रूख और आखिर तक बने रहने का दृढ़ निश्चय, जोकि टीम के लिए आश्चर्यजनक नतीजे पेश कर रहा है। उथप्पा लगातार खेल के इस फॉरमेट के महारथी बने हुए हैं। नरेन ने भी टीम में वापस आकर टीम को एक्स फैक्टर दिया है। क्योंकि इनकी गेंदबाजी के हुनर को विकेट लेना भी आता है। यह एक सुपर संडे होगा, इस बात में कोई शक नहीं है।