आत्मविश्लेषण करने की जरूरत है द. अफ्रीका को
श्रीलंका शानदार कोशिश करने के बावजूद इंग्लैंड से हार गया, हालांकि इससे उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सोमवार को टी-20 विश्व कप में अपने आखिरी मैच के लिए आत्मविश्वास मिलेगा। दोनों ही टीमें सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो चुकी हैं, इसलिए इस मुकाबले का अब कोई मतलब नहीं रह
(सुनील गावस्कर का कॉलम)
श्रीलंका शानदार कोशिश करने के बावजूद इंग्लैंड से हार गया, हालांकि इससे उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सोमवार को टी-20 विश्व कप में अपने आखिरी मैच के लिए आत्मविश्वास मिलेगा। दोनों ही टीमें सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो चुकी हैं, इसलिए इस मुकाबले का अब कोई मतलब नहीं रह गया है। मगर फिर भी दोनों टीमें यह दिखाना चाहेंगी कि अगर किस्मत थोड़ी सी उनके पक्ष में होती तो वे भी अंतिम चार में जगह बना सकते थे।
बहुदेशीय टूर्नामेंट में दक्षिण अफ्रीका एक बार फिर से विफल रहा, जबकि उनकी टीम में कई बड़े नाम वाले खिलाड़ी हैं। उनके कई बल्लेबाजों ने तो टी-20 के हिसाब से अपने खेल में बदलाव कर लिया, लेकिन उनके कुछ गेंदबाज अभी भी इस प्रारूप के मिजाज के अनुरूप खुद को ढाल नहीं पाए हैं, इसलिए महंगे साबित हो रहे हैं। वेस्ट इंडीज के खिलाफ करीबी मुकाबले में यह हमें उस समय देखने को मिला जब युवा रबादा ने अपनी सामान्य गति के साथ लेंथ बॉल डाली, जिस पर कार्लोस ब्रेथवेट ने लंबा छक्का जड़ दिया। जबकि दो ओवर पहले ही डेविड वीज ने ढेर सारी स्लो गेंद डाली, जिस पर वेस्ट इंडीज के बल्लेबाज रन बनाने में विफल रहे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में वीज ने काफी चीजें सीखीं, जहां लो फुल टॉस को वार्नर, मैक्सवेल एंड कंपनी ने दर्शकों के बीच पहुंचाया।
गत चैंपियन श्रीलंका को भी अच्छी तैयारी के साथ उतरना चाहिए था। क्योंकि टूर्नामेंट से पहले उन्होंने भारत के साथ सीरीज खेली और फिर एशिया कप में हिस्सा लिया। वे अपने बल्लेबाजी क्रम को लेकर सुनिश्चित ही नहीं थे। इससे खिलाडि़यों का आत्मविश्वास कम होता है। अपने करियर के अंतिम पड़ाव में पहुंच चुके लसिथ मलिंगा के बिना उनका गेंदबाजी आक्रमण भी साधारण दिख रहा था। उसमें विपक्षी टीम को रोकने का दम नहीं था, खासतौर से अंतिम ओवरों में।
श्रीलंका टीम तो बदलाव के दौर से गुजर रही है, लेकिन प्रोटियाज टीम तो काफी समय से संतुलित दिख रही है, इसलिए उन्हें घर लौटकर आत्मविश्लेषण करना चाहिए कि आखिर क्यों वे एक बार फिर मौका पड़ने पर अपने खेल के स्तर को नहीं उठा पाए।
(पीएमजी)