रोहित की तरह हैं गुप्टिल
अगर भारतीय प्रशंसकों ने सोचा होगा कि न्यूजीलैंड को हराना आसान होगा तो उन्हें कीवी टीम का खेल देखकर हैरानी हुई होगी।
(सुनील गावस्कर का कॉलम)
अगर भारतीय प्रशंसकों ने सोचा होगा कि न्यूजीलैंड को हराना आसान होगा तो उन्हें कीवी टीम का खेल देखकर हैरानी हुई होगी। पहले उन्होंने भारतीय टीम को 318 रनों पर ऑलआउट किया और फिर टॉम लाथम और केन विलियमसन ने भारतीय आक्रमण का साहस के साथ सामना किया और जमकर शॉट भी लगाए। यह सही है कि अभी दो ही दिन हुए हैं और पिच टूटने लगी है, जिससे चौथे और पांचवें दिन का खेल आसान नहीं होगा।
टॉस जीतने के बाद 500वें टेस्ट मैच में भारत से पहली पारी में कम से कम 500 रन की उम्मीद थी। पुजारा और विजय की मौजूदगी में यह संभव भी दिख रहा था। पुजारा निश्चित तौर पर काफी ज्यादा सकारात्मक दिख रहे थे। वेस्टइंडीज में ऐसा नहीं दिख रहा था। वह गलतियों से जल्दी सीखते हैं, इसलिए उन्हें रन बनाते देखकर कोई हैरानी नहीं हुई। वेस्टइंडीज में पहले टेस्ट में चोटिल होने के बाद से पुजारा क्रीज पर नहीं उतरे हैं, इसलिए उन्होंने थोड़ा समय लिया। न्यूजीलैंड के गेंदबाजों को पता है कि कोहली को शॉर्ट गेंद की चुनौती पसंद है। इसलिए वे हुक शॉट पर कुछ बाउंड्री खाने के लिए भी तैयार थे। रोहित शर्मा ने काफी मेहनत की, लेकिन बाद में हड़बड़ाहट में विकेट गंवा दिया। लेकिन अश्विन की पिच पर खड़े रहने की जिद और जडेजा की बल्लेबाजी से भारत सम्मानजनक स्कोर तक पहुंच गया।
न्यूजीलैंड ने मजबूत शुरुआत की और गुप्टिल ने अधिकतर रन बनाए। वह बहुत हद तक रोहित शर्मा की तरह हैं। वनडे में बिल्कुल अलग बल्लेबाज और टेस्ट में बिल्कुल अलग। भारत जिस तरह से रोहित को ढेर सारे मौके दे रहा है, ठीक वैसे ही न्यूजीलैंड गुप्टिल को मौके दे रहा है। दोनों ही ऐसे बल्लेबाज हैं, जो फॉर्म में होने पर अकेले मैच जिता सकते हैं। टॉम लाथम का स्पिनर के खिलाफ काफी अच्छा रिकॉर्ड है और उनकी मजबूत एप्रोच विलियमसन के लिए अच्छी है। बायें और दायें हाथ के बल्लेबाजों की वजह से भारतीय स्पिनर लाइन-लैंथ को लेकर जूझते रहे। बारिश आने से पहले पिच पर टर्न के संकेत मिलने लगे थे। अचानक बल्लेबाज भी थोड़े शंकित दिखने लगे थे, जिससे भारत को विकेट की उम्मीद बढ़ गई थी। मगर बारिश की वजह से खेल रोकना पड़ा। नए दिन बल्लेबाजों को नए तरीके से पिच पर टिकना होगा और ऐसे में भारत के पास कुछ शुरुआती विकेट लेने का मौका होगा। रोलर के इस्तेमाल से पहले सत्र में बल्लेबाजों को मदद मिलेगी। लेकिन नए दिन का मतलब नई शुरुआत भी होता है और भारतीय गेंदबाज अगर कीवी बल्लेबाजों को रोकना चाहते हैं, तो उन्हें ऐसा करना होगा।
(पीएमजी)