मलिंगा को लेने होंगे शुरुआती विकेट
भारत के हाथों बड़े अंतर से हार झेलने के बाद बांग्लादेश को पता है कि श्रीलंका के खिलाफ मुकाबले के दौरान उनका काम बढ़ गया है। भले ही यह मैच करो या मरो का नहीं है, लेकिन हार से इवेंट में आगे बढ़ने की उम्मीदों को झटका जरूर लगेगा। क्यूरेटरों
(सुनील गावस्कर का कॉलम)
भारत के हाथों बड़े अंतर से हार झेलने के बाद बांग्लादेश को पता है कि श्रीलंका के खिलाफ मुकाबले के दौरान उनका काम बढ़ गया है। भले ही यह मैच करो या मरो का नहीं है, लेकिन हार से इवेंट में आगे बढ़ने की उम्मीदों को झटका जरूर लगेगा। क्यूरेटरों ने जो पिच बनाई है, उस पर काफी घास है, जिससे नई गेंद से मदद मिल रही है। इस वजह से खेल थोड़ा संतुलित दिख रहा है। इस टूर्नामेंट में अभी तक हमें बड़े स्कोर देखने को नहीं मिले हैं क्योंकि गेंद को मूवमेंट मिल रही है। बांग्लादेश के पास नई गेंद के गेंदबाज हैं और शायद इसी वजह से पिच पर घास छोड़ी गई है। खैर कारण चाहे कुछ भी हो, लेकिन इससे बाकी टी-20 इवेंट की तुलना में यह टूर्नामेंट ज्यादा संतुलित दिख रहा है।
श्रीलंका को भी यूएई के खिलाफ जीत हासिल करने में काफी संघर्ष करना पड़ा। उनकी बल्लेबाजी बिल्कुल नहीं चल पा रही है। श्रीलंकाई थिंक टैंक के लिए यह चिंता की बात है। हालांकि यह काफी छोटा प्रारूप है और बल्लेबाज पहले छह ओवरों का पूरा फायदा उठाना चाहते हैं। लेकिन जब पिच से मदद मिल रही हो, तो यह काम आसान नहीं होता है। इसलिए शुरुआती विकेट गंवाने के बाद टीम दबाव में आ जाती है। कप्तान लथित मलिंगा को पता है कि उन पर काफी कुछ निर्भर करता है क्योंकि उन्हें पता है कि उनके पास ज्यादा बड़ा स्कोर बचाव के लिए नहीं होगा। पिछले मैच में उन्होंने दिखा दिया है कि उनकी धार अभी कम नहीं हुई है। श्रीलंका की समस्या यह है कि उनका स्पिन विभाग बहुत ज्यादा मजबूत नहीं है, इसलिए बीच के ओवरों में रन जाते हैं। ऐसे में अगर पिच से भी मदद नहीं मिल रही हो तो काम और मुश्किल हो जाता है। भारतीय गेंदबाज काफी अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं, लेकिन उन्हें शुरआती विकेटों से मदद मिल रही है। मलिंगा व अन्य तेज गेंदबाज भी टीम के लिए यही भूमिका निभा सकते हैं।
दोनों टीमों की बल्लेबाजी भी अनुभवहीन दिख रही है। अगर बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका दिया जाए, तो शायद वे कम दबाव महसूस करेंगे। दोनों टीमों को अपनी फील्डिंग का स्तर भी उठाना होगा। उम्मीद है कि यह मैच करीबी रहेगा और जो टीम जीतेगी, वह चैन की सांस लेगी।
(पीएमजी)