राजकोट में बेहतर टीम रही इंग्लैंड
ऐसे हालात में जहां परिस्थितियां स्पिनरों के लिए बहुत अधिक मददगार नहीं थी वहां इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने ढेर सारे रन बनाए।
(रवि शास्त्री का कॉलम)
राजकोट मैच में इंग्लैंड को काफी कुछ हासिल हुआ। ऐसे हालात में जहां परिस्थितियां स्पिनरों के लिए बहुत अधिक मददगार नहीं थी उनके बल्लेबाजों ने ढेर सारे रन बनाए। मैच के अंतिम दिन मेहमान टीम ने भारतीय बल्लेबाजों को मुश्किल में डाल दिया। इंग्लैंड के स्पिनर भी भारतीय स्पिन तिकड़ी की तुलना में अधिक खतरनाक दिखे। वास्तव में राजकोट में इंग्लैंड बेहतर टीम रही और इस बात के मायने काफी गहरे हैं।
हालांकि ऐसा कहते हुए हम टॉस जीतने के एडवांटेज और पिच को नजरअंदाज नहीं कर सकते। इससे इंग्लैंड को खुद को सहज करने का मौका मिला। मगर आखिरी दिन गेंद ने टर्न लेना शुरू किया और उछाल असमान हो गया। इंग्लैंड के शीर्ष क्रम के लगभग हर बल्लेबाज ने क्रीज पर कुछ समय बिताया और रन बनाए। इंग्लैंड की मौजूदा टीम में एलिस्टेयर कुक निश्चित ही नियमित रूप से अच्छा प्रदर्शन करने वाले बल्लेबाजों में शीर्ष पर हैं। वह टीम के अन्य बल्लेबाजों के लिए प्रेरणा के स्त्रोत हैं। टीम के नए ओपनर हसीब हमीद युवा, समझदार और बढि़या तकनीक से खेलने वाले बल्लेबाज हैं। इसके अलावा मेहमान टीम का मध्यक्रम भी बेहद मजबूत है।
जहां तक बात इंग्लैंड के स्पिन आक्रमण की है तो वह पूरी तरह से एशियाई मूल के खिलाडि़यों से सजा है। मोइन, अंसारी और राशिद पहली बार एक साथ किसी मैच में उतरे और उन्होंने अपनी-अपनी विशेषताओं को मिलाकर कमाल का प्रदर्शन किया। ये तीनों कोण, गति में एक-दूसरे से अलग हैं। हालांकि इन तीनों में अपनी कलाई के जरिए जादू बिखेरने वाले राशिद एकदम अलग खड़े नजर आते हैं। वह पिच से उछाल और घुमाव हासिल करने में कामयाब रहे। मददगार पिच पर वह कहीं अधिक खतरनाक साबित हो सकते हैं। भारत के नजरिए से डीआरएस का प्रयोग मिले-जुले अनुभव वाला रहा। खासतौर पर आखिरी दिन चेतेश्वर पुजारा के खिलाफ दिया गया निर्णय टीम को महंगा पड़ सकता था।
अब आगे बेहतरीन क्रिकेट के लिए मंच सज चुका है। भारत को समझ आ गया होगा कि उसे इंग्लैंड के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की जरूरत है, जिसका आत्मविश्वास राजकोट टेस्ट से काफी बढ़ चुका है। टीम इंडिया को कप्तान विराट कोहली की ओर देखना चाहिए, जिन्होंने अंतिम दिन क्रीज पर समय बिताने का साहस दिखाया। मात्र कौशल ही काफी नहीं है, आपका रवैया भी काफी मायने रखता है। दूसरे टेस्ट में टॉस जीतना भी दोनों टीमों के कप्तानों की इच्छाओं में सबसे ऊपर होगा।
(टीसीएम)