कानपुर में इंग्लिश गेंदबाजों को मिल सकती है पिच से मदद
इस प्रक्रिया में उन्हें ऐसा गेंदबाज भी मिल गया है, जो परफेक्ट यॉर्कर डाल सकता है और टी-20 सीरीज में भी मोर्गन का सबसे ज्यादा भरोसा वोक्स पर ही होगा।
(सुनील गावस्कर का कॉलम)
क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप में भारत का सामना करने से पहले आखिरी वनडे मैच में जीत दर्ज करने से इंग्लैंड का आत्मविश्वास काफी बढ़ा होगा। आखिरी ओवर की पहली दो गेंद पर दस रन खाने के बावजूद क्रिस वोक्स नर्वस नहीं हुए और बाकी गेंदों पर रन नहीं दिए। ऐसी ही करीबी जीत से टीम का हौसला बढ़ता है और सीरीज गंवाने के बावजूद इस जीत से इंग्लैंड का मनोबल बढ़ेगा। इस प्रक्रिया में उन्हें ऐसा गेंदबाज भी मिल गया है, जो परफेक्ट यॉर्कर डाल सकता है और टी-20 सीरीज में भी मोर्गन का सबसे ज्यादा भरोसा वोक्स पर ही होगा।
पिछले साल आइसीसी ट्वेंटी-20 विश्व कप में इंग्लैंड उपविजेता रहा था। आखिरी ओवर में वेस्टइंडीज ने उनका दिल तोड़ दिया था। इस अनुभव का इस्तेमाल उन्होंने अपने खेल में सुधार के लिए किया। इंग्लैंड के लिए कानपुर का मौसम भी मददगार साबित होगा और ईडन गार्डेंस से ज्यादा मूवमेंट मिलेगी। उनके शीर्ष क्रम के बल्लेबाज शानदार फॉर्म में हैं। जबकि जोस बटलर अभी अपने रंग में नहीं दिखे हैं। इससे टीम की क्षमता का अंदाजा लगाया जा सकता है। टीम के कई खिलाड़ी आइपीएल फ्रेंचाइजी को भी लुभाने की कोशिश में होंगे। जेसन रॉय, बेन स्टोक्स जैसे खिलाडि़यों में फ्रेंचाइजी की काफी रुचि हो सकती है।
भारत की ओर से लोकेश राहुल के साथ मनदीप सिंह के रूप में नए ओपनर होंगे, हालांकि ऋषभ पंत भी शानदार फॉर्म में हैं। वह वार्मअप मैच में अर्धशतक लगा भी चुके हैं। इसके अलावा वह बायें हाथ के खिलाड़ी भी हैं। हमेशा की तरह दायें-बायें हाथ की जोड़ी को गेंदबाजी आसान नहीं होती। करीब एक साल पहले युवराज और रैना ने भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यादगार जीत दिलाई थी और इनके पास फिर से टीम में अपनी जगह पक्की करने का मौका है।
आइपीएल की वजह से भारतीयों को टी-20 क्रिकेट का बहुत अनुभव है, लेकिन यह सिर्फ फ्रेंचाइजी क्रिकेट है और इससे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। फुटबॉल में भी हम ऐसा देख चुके हैं, जहां ईपीएल के बावजूद इंग्लैंड की टीम मुश्किल से ही नॉकआउट तक पहुंच पाती है। यह प्रारूप इतना छोटा है कि जहां कोई भी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। टीमों के बीच अंतर भी इतना कम है कि सीरीज को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता।
(पीएमजी)