श्रीलंका को हल्के में लेने की भूल न करे भारत
तीन मैचों की सीरीज में विश्व टी-20 चैंपियन श्रीलंका का सामना करते वक्त भारतीय टीम का मनोबल काफी ऊंचा होगा। ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर तीनों मैचों में हराना किसी भी टीम के लिए गर्व की बात है। अंतिम मैच में आखिरी गेंद पर जीत यह बताने के लिए
(गावस्कर का कॉलम)
तीन मैचों की सीरीज में विश्व टी-20 चैंपियन श्रीलंका का सामना करते वक्त भारतीय टीम का मनोबल काफी ऊंचा होगा। ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर तीनों मैचों में हराना किसी भी टीम के लिए गर्व की बात है। अंतिम मैच में आखिरी गेंद पर जीत यह बताने के लिए काफी है कि इस फॉर्मेट में ढेर सारी ऊर्जा के अलावा अनुभव का होना भी जरूरी है।
निश्चित तौर पर भारत मंगलवार को पुणे में होने वाले पहले मैच में विश्व चैंपियन टीम को हल्के में लेने की भूल कतई नहीं करेगा। हालांकि उनकी टीम में अब जयवर्धने और संगकारा की जोड़ी नहीं है। इस कद के खिलाडिय़ों का विकल्प ढूंढना कभी आसान नहीं होता और इसी वजह से श्रीलंकाई टीम हालिया समय में काफी संघर्ष करती भी दिख रही है। हालांकि टी-20 में कुछ ही गेंद में मैच का पासा पलट जाता है और श्रीलंका के पास ऐसे युवा हैं, जो इस काम को करने में सक्षम हैं। लंबे सत्र के बाद थकान के चलते भले ही एंजेलो मैथ्यूज ने खुद को आइपीएल नीलामी से दूर रखा, लेकिन भारतीय जानते हैं कि वह अकेले दम पर गेंद व बल्ले से मैच का पासा पलटने का दम रखते हैं।
पिछले सत्र में बेहद शानदार प्रदर्शन करने वाले विराट कोहली को आराम दिया गया है ताकि वह एशिया कप व आइसीसी विश्व टी-20 के लिए तरोताजा हो सकें। ऐसा नहीं है कि भारत श्रीलंका को हल्के में ले रहा है, बल्कि यह फैसला दर्शाता है कि उन्हें अपनी बल्लेबाजी लाइन अप पर कितना भरोसा है। ऑस्ट्रेलिया में पहले दो टी-20 में उन्होंने सिर्फ तीन विकेट गंवाए और तीसरे मैच में चार विकेट। शुरुआती ओवरों में ही रोहित व शिखर धवन ने मैच को विपक्षी टीम से दूर कर दिया और दोनों ही अपनी छोटी, लेकिन उपयोगी पारी से संतुष्ट नहीं दिखे। वे लंबी पारी खेलना चाहते थे, यह भारत के लिए अच्छी बात है।
भारत को जसप्रीत बुमराह के रूप में एक अच्छा गेंदबाज मिला है, जो न सिर्फ शुरुआत में बल्कि अंतिम ओवरों में भी विकेट लेने की क्षमता रखते हैं। वह यॉर्कर और धीमी गेंद का बेहतरीन ढंग से उपयोग करते हैं और आशीष नेहरा जिस ढंग से एंगल से गेंद फेंक रहे हैं, उससे विपक्षी टीम को रन बनाने में काफी दिक्कत होने वाली है। हालांकि आइपीएल नीलामी के बाद सभी की निगाहें पवन नेगी पर होंगी, लेकिन अश्विन व जडेजा की मौजूदगी में उन्हें मौका मिलने के अवसर कम हैं। भारत की फील्डिंग भी काफी बेहतरीन रही है, इसलिए यह ऑलराउंड टीम काफी आगे तक जाने में सक्षम है।