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मनाइए क्रिकेट का त्योहार

ये कहानी है उस बच्चे की है, जो अगले साल 10 साल का हो जाएगा। ये दो महीने के लिए आता है और धूम मचाता है। उस समय स्टेडियम की हर एक सीट और घरों में सोफासेट हाउसफुल हो जाते हैं। ये स्वीकार्यता आसानी से नहीं मिलती। हर एक प्रशंसा

By sanjay savernEdited By: Published: Fri, 08 Apr 2016 08:48 PM (IST)Updated: Fri, 08 Apr 2016 08:52 PM (IST)
मनाइए क्रिकेट का त्योहार

(रवि शास्त्री का कॉलम)

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ये कहानी है उस बच्चे की है, जो अगले साल 10 साल का हो जाएगा। ये दो महीने के लिए आता है और धूम मचाता है। उस समय स्टेडियम की हर एक सीट और घरों में सोफासेट हाउसफुल हो जाते हैं। ये स्वीकार्यता आसानी से नहीं मिलती। हर एक प्रशंसा के लिए बहुत सी गालियां भी मिलती हैं। हर एक गुलदस्ते के लिए दसियों खंजर के वार भी झेलने पड़ते हैं।

हालांकि बच्चे को अपनों से ही धोखा मिला है। जिस पर खजाने के लिए हमला किया गया। जिसे दूसरों की गलतियां के लिए सजा मिली। बावजूद इसके वो अपने खून से पोषित और फलता-फूलता रहा। उसका आना एक राष्ट्रीय पर्व, एक सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसा है। लेकिन इससे पहले कि वो इस साल आए आपको और मुझे चेन्नई और जयपुर के उन प्रशंसकों की निराशा को साझा करना चाहिए जो इसका आनंद नहीं ले पाएंगे। पूरी तरह से पीले रंग में रंगे या फिर राजस्थानी साफा पहने प्रशंसकों से उनका स्वर्ग छिन सा गया है। जिनके लिए 'थलाईवर (तमिल शब्द जिसका मतलब अगुआ होता है) धौनी को किसी और जर्सी में देखना किसी बुरे सपने से कम नहीं होगा। धौनी बनाम रैना, राहुल द्रविड़ का डेयरडेविल्स के साथ होना और जडेजा बनाम अश्विन ये सब दिल जलाने जैसा होगा। लेकिन लीग की प्रतिष्ठा और ईमानदारी को बचाने के लिए कड़े फैसले लेना जरूरी था।

मैं खुद को विश्लेषण से बचाना चाहूंगा। अलग-अलग क्षमता वाली टीमें हमारे सामने हैं। जाहिर है दमदार घोड़े किसी भी मैदान पर अच्छी तरह दौड़ेंगे। कुछ नौसिखिए भी सुर्खियां बटोरेंगे और कुछ हमारी कल्पनाओं को चुनौती देंगे। एक्शन की शुरुआत होने वाली है और कोई भी पीछे नहीं हटेगा। कार्लोस ब्रैथवेट नए सुपरस्टार हैं जिनकी वजह से दिल्ली डेयरडेविल्स चर्चा में है। जहीर खान के कप्तान बनाए से ज्यादा सुर्खियों में ब्रैथवेट हैं।

इस बच्चे की क्या अपील है। मुझे लगता है ये हमारे बचपन को दोबारा वापस ले आएगा। जब हम हर गेंद को मैदान से बाहर मारने की कोशिश किया करते थे। जब हम बिना चोट की परवाह किए गेंद को रोकने के लिए डाइव लगाया करते थे। जब पूरी आजादी और विकेट की उम्मीद के साथ गेंदबाजी किया करते थे। ये खिलाडिय़ों और प्रशंसकों दोनों को निजी तौर पर जुडऩे का मौका देगा। मौज-मस्ती को तैयार हो जाइए खेल शुरू होने को है।

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