बुमराह व नेहरा ने गेंदबाजी को ताकतवर बनाया
टी-20 क्रिकेट में भारत की सफलता की दर बढ़ाने में युवा जसप्रीत बुमराह और पुराने महारथी आशीष नेहरा का विशेष योगदान रहा है।बुमराह ने अपने एक्शन से सभी को प्रभावित किया है, वहीं नेहरा ने दिखाया कि अगर आप में इच्छाशक्ति है तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
(के.श्रीकांत का कॉलम)
टी-20 क्रिकेट में भारत की सफलता की दर बढ़ाने में युवा जसप्रीत बुमराह और पुराने महारथी आशीष नेहरा का विशेष योगदान रहा है।बुमराह ने अपने एक्शन से सभी को प्रभावित किया है, वहीं नेहरा ने दिखाया कि अगर आप में इच्छाशक्ति है तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है। यह दोनों टीम इंडिया को विजेता बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
बुमराह हमारे अभी नियमित ओपनर गेंदबाज नहीं हैं। लेकिन इस युवा ने दिखा दिया कि वह यह जिम्मेदारी निभाने में समक्ष हैं। उन्होंने अपनी यॉर्कर से सभी को प्रभावित किया है। बुमराह और नेहरा ने जल्दी-जल्दी विकेट चटकाकर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई। गति का कोई विकल्प नहीं होता और होना भी नहीं चाहिए। जब गेंद सही गति में आती है तो कोई भी बल्लेबाज सहज महसूस नहीं करता। बुमराह ने अपनी गति और चतुराई से सभी को परेशान किया है। गेंद को घुमाने की क्षमता उन्हें खतरनाक गेंदबाज बनाती है।
दूसरी ओर नेहरा ने अपने अनुभव का बखूबी इस्तेमाल कर उसका पूरा लाभ उठाया। नेहरा 2011 विश्व में खेल चुके हैं और यह दिग्गज अब नई गेंद से गेंदबाजी आक्रमण की शुरुआत करने का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। भारत की चिंता का विषय रही गेंदबाजी अब उसकी ताकत बन गई है। हार्दिक पांड्या ने भी खुद को शानदार ऑलराउंडर के रूप में परिपक्व बना लिया है। मुझे पूरा यकीन है कि और ज्यादा मौके मिलने पर वह टीम में अपनी जगह पक्की कर लेंगे। दूसरी प्रतिद्वंद्वी टीमें पांचवें गेंदबाज का लाभ लेने में नाकाम रही हैं। भारत उन्हें आसानी से हासिल किए जाने वाले लक्ष्य से रोकने में सक्षम है। श्रीलंका पर मिली जीत से टीम इंडिया का मनोबल काफी बढ़ गया है। भारत के सभी खिलाड़ी पूरी तरह से एकजुट और लय में है। इससे टीम इंडिया का दावा और भी मजबूत हो गया है।
(टीएमसी)