बेंगलूर को उठाना होगा कड़ा कदम
बेंगलूर को अब कोई कड़ा कदम उठाना होगा।
(रवि शास्त्री का कॉलम)
मुंबई ने बेंगलूर को ठेस पहुंचाई है। एक अच्छे स्कोर का बचाव करने के लिए अब एक हैट्रिक भी काफी नहीं रही। वापसी पर कोहली ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और वह पूरी तरह से लय में नजर आए, लेकिन उनका प्रदर्शन काम नहीं आया। बेंगलूर को अब कोई कड़ा कदम उठाना होगा।
शनिवार तक की अंकतालिका से पता चलता है कि उन्होंने चार में से तीन मैच हारे हैं। अभी उसे जो दस मैच खेलने हैं उनमें से पांच वह घरेलू मैदान पर खेलेगी। उसने अब तक जो दो घरेलू मैदान पर मैच खेले हैं उससे स्पष्ट होता है कि यहां कि पिच धीमी है। यह अब तक बल्लेबाजों के लिए बहुत कम मददगार साबित हुई है। पिछले मैच में गेंद बल्ले तक धीरे पहुंच रही थी। जिस तरह क्रिस गेल ने कट मारा, उसके लिए उन्हें ऐसी पिच की जरूरत है जहां उछाल हो और गेंद बल्ले पर आए। जिस तरह का बेंगलूर का शीर्ष क्रम है उसमें गेल को बने रहने चाहिए।
एक अन्य महंगे विदेशी खिलाड़ी टाइमल मिल्स भी लय में नहीं हैं। वह उस तरह नजर आ रहे हैं जैसे कि किसी ध्रुवीय रीछ को सहारा के रेगिस्तान में गुजारा करने को कह दिया गया हो। मिल्स की मुख्य संपत्ति उनकी बहुत तेज गति है। बद्री और चहल अपने प्रदर्शन से खुश होंगे। हालांकि, चहल को अब भी अलग तरह की गेंदें डालने की जरूरत है। वह चिन्नास्वामी स्टेडियम में ऐसी गेंदें डाल रहे हैं जो बल्लेबाजों तक पहुंच रही हैं। हालांकि, उन्हें ऐसी गेंदें करने की जरूरत है जिन पर बल्लेबाज बाहर आकर उन तक पहुंचे। टूर्नामेंट आगे बढ़ने के साथ ही नेगी महत्वपूर्ण हो सकते हैं। उनके उत्साह को ऊपर बनाए रखा जाना चाहिए।
(टीसीएम)