बांग्लादेश के पास भी हैं अच्छे स्पिनर
नॉकआउट चरण के साथ असली विश्व कप की शुरुआत हो जाएगी। अभी तक टीमें अपने संयोजन में बदलाव कर रही थीं, बल्लेबाजी क्रम को बदला जा रहा था, गेंदबाजों को भी अंदर-बाहर किया जा रहा था। यह सब इसलिए संभव हो रहा था, क्योंकि उन्हें मालूम था कि कल या
(सुनील गावस्कर का कॉलम)
नॉकआउट चरण के साथ असली विश्व कप की शुरुआत हो जाएगी। अभी तक टीमें अपने संयोजन में बदलाव कर रही थीं, बल्लेबाजी क्रम को बदला जा रहा था, गेंदबाजों को भी अंदर-बाहर किया जा रहा था। यह सब इसलिए संभव हो रहा था, क्योंकि उन्हें मालूम था कि कल या आने वाले कुछ दिनों में और मैच खेलने हैं। अब वे जानते हैं कि यदि यहां हारे तो आगे उनके पास कोई मैच नहीं बचेगा। उन्हें पहली फ्लाइट पकड़कर घर लौट जाना पड़ेगा, ऐसे में अंतिम एकादश का फैसला करने से पहले सारी रणनीति तय हो जानी चाहिए।
कौन किस क्रम पर बल्लेबाजी करेगा, कौन सा गेंदबाज किस बल्लेबाज को गेंदबाजी करेगा, किसके लिए किस तरह का क्षेत्ररक्षण सजाना है। अब दो मैचों के बीच ज्यादा दिनों का अंतर भी नहीं होगा। यदि टीम का कोई खास खिलाड़ी फिटनेस को लेकर हल्की सी भी परेशानी महसूस कर रहा होगा तो उसका त्वरित निपटान करना होगा। आखिरकार यह विश्व कप है जो चार साल में सिर्फ एक बार आता है।
पहले क्वार्टर फाइनल में दक्षिण अफ्रीका सिडनी में श्रीलंका से टकराएगा। सितारों से भरी उनकी टीम में कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हैं, जो यह जानते हैं कि यह उनका आखिरी विश्व कप हो सकता है। ऐसे में वे पुरानी विफलताओं को भुलाते हुए टीम के ऊपर लगे 'चोकर्स' के ठप्पे को हर हाल में हटाना चाहेंगे। यह वह तमगा है जिससे उन्हें नफरत होगी। इस बार विश्व खिताब जीतकर वे इस तमगे से निजात पा सकते हैं। उन्होंने लीग चरण में चार मैच जीते और दो बड़ी टीमों भारत और पाकिस्तान के खिलाफ मैच गंवाए। दोनों ही मैच में वह लक्ष्य का पीछा करते हुए हारे। यदि उन्हें अच्छी शुरुआत नहीं मिलती है तो वे घबरा जाते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए श्रीलंका पहले बल्लेबाजी करना चाहेगा।
अगले मैच में भारत अपने पड़ोसी देश बांग्लादेश से भिड़ेगा, जिन्होंने इस टूर्नामेंट में अभी तक अच्छी बल्लेबाजी की है। भारत की ही तरह बांग्लादेश के पास भी अच्छी स्पिन गेंदबाजी है और यदि पिच टूटने लगती है तो फिर बाद में बल्लेबाजी कर रही टीम के लिए कुछ भी आसान नहीं रह जाएगा। भारत की चिंता का सबब उसकी बल्लेबाजी है, जहां सिर्फ धवन, कोहली, रैना और धौनी ने ही अपने प्रदर्शन में निरंतरता दिखाई है। बांग्लादेशी बल्लेबाज स्पिन को अच्छी तरह खेल लेते हैं, ऐसे में नई गेंद के साथ शमी और यादव की भूमिका अहम हो जाएगी। पहले बदलाव के रूप में मोहित इस टूर्नामेंट के सबसे प्रभावशाली गेंदबाज रहे हैं। ग्रुप में सारे मैच जीतकर शीर्ष पर रहने वाले भारत का इस मैच में पलड़ा भारी रहेगा और सभी को उनसे यही उम्मीद है कि वे अपना विजय क्रम बरकरार रखेंगे।
(पीएमजी)
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