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लंबे समय तक दुनिया पर राज करेगा ऑस्ट्रेलिया

फिलिप ह्यूज और रिची बेनो के निधन के बीच ऑस्ट्रेलिया ने टेस्ट सीरीज में भारत को हराया और विश्व कप पर कब्जा जमाया। इससे पता चलता है कि ऑस्ट्रेलिया का सिस्टम कितना मजबूत और चुनौतीपूर्ण है। माइकल क्लार्क के चोटिल होने के बाद स्टीव स्मिथ को कप्तान बनाया गया और

By sanjay savernEdited By: Published: Sun, 19 Apr 2015 07:05 PM (IST)Updated: Sun, 19 Apr 2015 07:11 PM (IST)
लंबे समय तक दुनिया पर राज करेगा ऑस्ट्रेलिया

(गावस्कर का कॉलम)

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फिलिप ह्यूज और रिची बेनो के निधन के बीच ऑस्ट्रेलिया ने टेस्ट सीरीज में भारत को हराया और विश्व कप पर कब्जा जमाया। इससे पता चलता है कि ऑस्ट्रेलिया का सिस्टम कितना मजबूत और चुनौतीपूर्ण है। माइकल क्लार्क के चोटिल होने के बाद स्टीव स्मिथ को कप्तान बनाया गया और उन्होंने ऐसा प्रदर्शन किया, जैसे कि यह सब उनके लिए बच्चों का खेल हो। उन्होंने न सिर्फ सभी चारों टेस्ट मैचों में शतक बनाया, बल्कि आगे बढ़कर टीम का नेतृत्व भी किया। कप्तानी से चूकने वाले डेविड वार्नर ने भी इसे अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और भारतीय गेंदबाजी की जमकर धज्जियां उड़ाईं। इन दोनों युवाओं के शानदार प्रदर्शन और युवा तेज गेंदबाजों की खेप को देखते हुए मैं तो यही कहूंगा कि ऑस्ट्रेलिया लंबे समय तक क्रिकेट पर राज करने वाला है।

वार्नर और स्मिथ आइपीएल में भी अपनी-अपनी टीमों का अच्छे ढंग से नेतृत्व कर रहे हैं। स्मिथ हालांकि शेन वॉटसन के चोटिल होने की वजह से कप्तानी कर रहे हैं, लेकिन राजस्थान रॉयल्स को उन्होंने शीर्ष पर पहुंचा दिया है। छिपी प्रतिभाओं को ढूंढने का राजस्थान का इतिहास रहा है और इस बार युवा दीपक हुड्डा आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। हैदराबाद टीम के लिए वार्नर अधिकतर रन बना रहे हैं और उन्हें टीम के दूसरे साथियों से मदद की जरूरत है ताकि चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया जा सके।

अन्य टीमों में हरभजन सिंह ने दिखा दिया है कि उनमें अभी भी लड़ने का जज्बा बरकरार है। वह बल्ले और गेंद दोनों से दिखा रहे हैं कि अनुभव का कोई विकल्प नहीं होता। वह गेंदबाजी करते वक्तकाफी रिलेक्स दिख रहे हैं और पिच से कम मदद मिलने के बावजूद चतुराई से विकेट ले रहे हैं। क्रिस गेल ने अकेले ही गत चैंपियन कोलकाता को उन्हीं के घर में हरा दिया और जैसा कि हमेशा होता है, जब वह शॉट लगाते हैं, तो गेंद बाउंड्री के बाहर ही जाती है। भले ही वह शतक से चूक गए हों, लेकिन उस जीत से बेंगलुरु टीम को इस सत्र की अच्छी शुरुआत करने का मौका मिला। हालांकि टूर्नामेंट का अभी शुरुआती चरण ही है और टीमें अपने पांव जमाने में लगी हुई हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि आने वाले समय में टूर्नामेंट काफी रोमांचक हो जाएगा।

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