घरेलू मैदान पर खास प्रदर्शन करना चाहेंगे अश्विन
चेन्नई टेस्ट में अश्विन खास प्रदर्शन करना चाहेंगे।
(गावस्कर का कॉलम)
सीरीज जीत चुकी टीम को महज औपचारिकता भर रह गए मुकाबले में काफी सतर्क रहने की जरूरत होती है। हम कितनी बार यह देख चुके हैं कि सीरीज में दबदबा बनाने वाली टीम आखिरी मुकाबले में पकड़ ढीली कर देती है जिससे सीरीज में पिछडऩे वाली टीम को अपने जख्मों पर कुछ मरहम लगाने का मौका मिल जाता है। टेस्ट सीरीज के आखिरी मुकाबले में इंग्लैंड के खिलाफ मैदान में उतरते वक्त टीम इंडिया को यह बात ध्यान रखनी होगी। हालांकि बेखौफ और महत्वाकांक्षी विराट कोहली की अगुआई में इंग्लैंड को किसी राहत की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। क्योंकि विराट न केवल हर मैच, बल्कि हर मैच का हर सत्र जीतना चाहते हैं। दूसरी ओर रविचंद्रन अश्विन भी हैं जो घरेलू समर्थकों के लिए खास प्रदर्शन करना चाहेंगे। मुरली विजय के बारे में भी यही बात कही जा सकती है, जिन्होंने मुंबई में बेहतरीन शतक लगाया, लेकिन वह कोहली के दोहरे शतक की परछाई में कहीं दब सा गया। इन भारतीय खिलाडिय़ों ने सीरीज में दबदबे भरा प्रदर्शन किया और उन्हें अन्य खिलाडिय़ों से भी भरपूर और अहम सहयोग मिला।
इंग्लैंड के लिए यह साबित करने का आखिरी मौका है कि वो उतनी खराब टीम नहीं है, जितना कि सीरीज की स्कोरलाइन दिखा रही है। इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि इंग्लैंड की ये टीम बहुत अच्छी है। ये और बात है कि भारतीय टीम ने उन्हें न तो बल्ले और न ही गेंद से खुलकर खेलने का मौका दिया। पहले टेस्ट में एक समय मैच एलिस्टेयर कुक के नियंत्रण में लग रहा था जब टीम 500 से अधिक रन बना चुकी थी, लेकिन उसके बाद मैच पर उसकी पकड़ ढीली हो गई। मुंबई में भी विराट कोहली और जयंत यादव की पाटर्नरशिप के दौरान इंग्लैंड की टीम असहाय नजर आई।
इंग्लैंड के खिलाडिय़ों को उन्हें मिल रही अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलना होगा तभी मेहमान टीम एक बड़ा स्कोर बनाने में कामयाब हो सकेगी। मुंबई में इंग्लैंड ने 400 रन जरूर बनाए, लेकिन उस पिच पर उन्हें कम से कम 150 रन और बनाने चाहिए थे। चेन्नई को तूफान का सामना करना पड़ा है ऐसे में यहां पिच की नमी इंग्लैंड को रास आ सकती है। साथ ही भारत में अन्य पिचों की तुलना में चिदंबरम स्टेडियम की पिच पर उछाल थोड़ा अधिक रहता है। तेज गेंदबाज इस बात का भी पूरा लुत्फ उठाएंगे।
इस सीरीज ने हमें अभी तक यह भी दिखाया है कि टॉस अधिक महत्वपूर्ण साबित नहीं हुआ है। इंग्लैंड ने चार में से तीन टॉस जीते, लेकिन फिर भी वह हारने वाली टीम रही। भारत ने बेहतरीन क्रिकेट खेली और सीरीज अपने नाम की। अब अगर भारतीय टीम यह मुकाबला भी जीत लेती है तो सोने पर सुहागा होगा। (पीएमजी)