संन्यास की घोषणा के बाद सर्वश्रेष्ठ दे पाना मुश्किल काम
इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच रोमांचक सीरीज का अंत हो चुका है, जिसे इंग्लैंड ने अपने नाम किया। अब कुछ ही दिनों में एशेज सीरीज शुरू होने जा रही है। इस बीच सिर्फ श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला गया। इस कॉलम के लिखने के समय तक
(गावस्कर का कॉलम)
इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच रोमांचक सीरीज का अंत हो चुका है, जिसे इंग्लैंड ने अपने नाम किया। अब कुछ ही दिनों में एशेज सीरीज शुरू होने जा रही है। इस बीच सिर्फ श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला गया। इस कॉलम के लिखने के समय तक दोनों टीमें एक-एक टेस्ट मैच जीत चुकी थीं और फिलहाल तीसरे और अंतिम टेस्ट में एक-दूसरे के सामने हैं। भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के बाद संन्यास लेने की घोषणा कर चुके कुमार संगकारा इस मैच में नहीं खेल रहे हैं। भले ही उन्होंने पहले दो टेस्ट मैचों में ज्यादा रन नहीं बनाए हैं, बावजूद इसके घरेलू टीम को उनकी कमी खलेगी।
इसमें जरा भी शक नहीं है कि संगकारा महान खिलाडिय़ों में से एक हैं, लेकिन संन्यास पास आने की वजह से दबाव झेलना पड़ रहा है। उनकी विदाई के कार्यक्रम को लेकर बड़े पैमाने पर चर्चा है, इसका दबाव भी वह महसूस कर रहे होंगे। इसके अलावा प्रशंसकों की उम्मीदों का दबाव भी बहुत बड़ा है, जो संगकारा को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ विदा होते देखना चाहते हैं।
क्रिकेट के इतिहास में बहुत ही कम खिलाड़ी हुए हैं, जिन्होंने शीर्ष पर रहकर संन्यास लिया। खासतौर से जब उन्होंने संन्यास लेने की घोषणा पहले ही कर दी हो। हां कुछ खिलाड़ी अच्छे प्रदर्शन के बाद अचानक से रिटायरमेंट लेने का फैसला करते हैं, लेकिन संन्यास की घोषणा करने के बाद सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाना काफी मुश्किल काम है। आपका दिमाग रिलेक्स हो जाता है और इस वजह से जो जोश चाहिए होता है, वह नहीं रह पाता। वैसे भी बल्लेबाज की एक ही गलती उसे पवेलियन भेजने के लिए काफी होती है।
दोहरे शतक के मामले में संगकारा डॉन ब्रेडमैन से सिर्फ एक ही कदम पीछे हैं और इस तथ्य पर सभी की नजर रहेंगी, जिससे उन पर उम्मीदों का अतिरिक्त दबाव रहेगा। अब उनके पास सिर्फ दो टेस्ट मैच बचे हैं, ऐसे में यह दबाव और भी ज्यादा होगा। भारतीय प्रशंसक हालांकि ऐसा होता नहीं देखना चाहेंगे, लेकिन एक बात तय है कि वह एक शानदार विदाई के हकदार हैं।