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टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए प्रशासन भी गंभीर हो

टेस्ट क्रिकेट में कम होती रुचि से पूरी दुनिया में चिंता है। इसे बचाने के लिए बहुत से सुझाव भी आ रहे हैं।

By ShivamEdited By: Published: Sat, 24 Sep 2016 07:16 PM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2016 07:18 PM (IST)
टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए प्रशासन भी गंभीर हो

(सुनील गावस्कर का कॉलम)

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टेस्ट क्रिकेट में कम होती रुचि से पूरी दुनिया में चिंता है। इसे बचाने के लिए बहुत से सुझाव भी आ रहे हैं। डे-नाइट टेस्ट क्रिकेट और गुलाबी गेंद जैसे प्रयोग हो चुके हैं। दर्शकों के लिहाज से यह प्रयोग सफल रहे। गुलाबी गेंद पूरे मैच के दौरान स्विंग होती है और खासतौर से लाइट में इसके प्रभाव से प्रशासन इस ओर सोचने पर मजबूर हुआ है। साफतौर पर आप ऐसा मैच चाहते हैं, जहां दोनों टीमों के लिए स्थितियां एक जैसी रहें। यह सही है कि मैच के दौरान ऐसे सत्र आएंगे जब धूप नहीं होगी या बारिश खलल डालेगी, जिससे गेंदबाज को गेंद की ग्रिप बनाने में मुश्किल होगी। शाम के समय ओस की वजह से भी गेंदबाजी करनी मुश्किल होती है। इसलिए डे-नाइट मैच से पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि ओस की वजह से गेंद गीली न हो।

स्कूलों को मुफ्त में या बहुत ही कम कीमत पर टिकट देकर भी आने वाली पीढ़ी को टेस्ट क्रिकेट देखने के लिए बुलाया जा सकता है, जिससे उनकी रुचि इस प्रारूप की ओर बढ़े। ऐसे स्थानों पर यह किया ही जा सकता है, जहां स्टेडियम खाली पड़ा रहता है। हालांकि सबसे अहम चीज है कि प्रशासन को यह दिखाना होगा कि उन्हें टेस्ट क्रिकेट की परवाह है। छोटे-छोटे प्रयासों से यह दिखाया जा सकता है। हाल में पोर्ट ऑफ स्पेन और डरबन में बारिश के चलते रद हुए मैच में प्रशासन का उदासीन रवैया देखने को मिला। मैदान को फिर से खेल के लिए तैयार करने में कोई प्रयास ही नहीं किए गए। पोर्ट ऑफ स्पेन में तो सुपर सोपर भी नहीं था। इसी वजह से धूप निकलने के बावजूद मैच दोबारा शुरू नहीं हो सका। आइसीसी ने जांच का आदेश दिया, लेकिन जैसी उम्मीद थी दोनों देशों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

यहां कानुपर में भी हमें कुछ समस्या हुई। आधे घंटे की बारिश के बाद तेज धूप निकली, लेकिन बाद में एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी। मैदान में दो सुपर सोपर देखे जा सकते थे, लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं किया गया। इसका कारण तो प्रशासन ही बता सकता है। इससे दर्शक यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि जब प्रशासन ही उनके पैसों के बदले मैच दिखाने को गंभीर नहीं है, तो आखिर वे टेस्ट क्रिकेट का समर्थन क्यों करें। पिछला हफ्ता साल के ऐसे हफ्तों में से एक रहा, जब कोई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला गया। ऐसा बहुत ही कम होता है। इसलिए इस हफ्ते कोई सीएट इंटरनेशन क्रिकेटर ऑफ द वीक नहीं चुना गया है। मगर भारतीय क्रिकेट टीम को 500वां टेस्ट मैच खेलने के लिए ढेरों बधाई। इस मुकाम तक उनसे पहले अब तक तीन ही टीमें पहुंच पाई हैं।

(पीएमजी)

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