भारतीय बल्लेबाजों को अपना ऑफ स्टंप पता नहीं
ओल्ड टैफर्ड और फिर ओवल में भारतीय बल्लेबाजों ने जिस ढंग से समर्पण किया, वह न सिर्फ निराशाजनक था, बल्कि दिल तोडऩे वाला भी था।
(सुनील गावस्कर का कॉलम)
ओल्ड टैफर्ड और फिर ओवल में भारतीय बल्लेबाजों ने जिस ढंग से समर्पण किया, वह न सिर्फ निराशाजनक था, बल्कि दिल तोडऩे वाला भी था। आखिर कैसे एक टीम पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में बढ़त लेने के बाद ताश के पत्तों की तरह बिखर सकती है। टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने काफी ज्यादा निराश किया, उनकी तकनीक बेहद खराब थी। वे बार-बार उन गेंदों को खेल रहे हैं, जिन्हें छोडऩा चाहिए और उन गेंदों को छोड़ रहे हैं, जिन्हें खेलना चाहिए। बल्लेबाजों को ये ही नहीं पता कि उनका ऑफ स्टंप कहां पर है। खराब तकनीक की वजह से उन्हें शॉर्ट पिच गेंद खेलने में भी समस्या आ रही है।
हालांकि मुरली विजय और रहाणे ने अन्य की तुलना में ज्यादा बेहतर गेंद को परखने की क्षमता दिखाई और इसलिए दोनों ने शतक भी जमाए। लेकिन पिछले दो टेस्ट मैचों में उन्होंने भी निराश किया और इस वजह से चीजें ज्यादा मुश्किल हो गईं।
ओवल की पहली पारी में भी बल्लेबाजों ने एक बार फिर से गेंद को समझने में गलती की। हां, यह सही है कि स्थितियां गेंदबाजों के मनमाफिक हैं, लेकिन बल्लेबाजों द्वारा खुद को चुनौती के लिए तैयार नहीं करना निराशाजनक है। दूसरी तरफ श्रीलंका में कुमार संगकारा अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ खेल दिखा रहे हैं। उन्होंने एक और दोहरा शतक बनाया और इस वजह से पाकिस्तान के खिलाफ श्रीलंका पहली पारी में बड़ा स्कोर बनाने में कामयाब रही। यूनुस खान की जांबाज पारी के बावजूद, रंगना हेराथ ने पाकिस्तानी टीम को दूसरी पारी में आउट कर दिया और इसके बाद श्रीलंका ने विजयी लक्ष्य बारिश आने से पहले ही बेहद आसानी से हासिल कर लिया। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वह बारिश की वजह से मैच नहीं जीत पाए थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ क्योंकि उन्होंने बिल्कुल सही समय पर विजयी रन बना लिया। अपने दोहरे शतक के लिए कुमार संगकारा को इस हफ्ते सिएट इंटरनेशनल क्रिकेटर ऑफ द वीक चुना जाता है।
(पीएमजी)