300वें वनडे मैच से पहले भावुक हुए युवराज सिंह और बोल गए ये बात
युवराज गुरुवार को भारतीय क्रिकेट के महाराज सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ की श्रेणी में खड़े हो जाएंगे।
बर्मिघम, अभिषेक त्रिपाठी। करियर के शुरुआती दौर से ही अपनी असाधारण प्रतिभा की बानगी पेश करने वाले युवराज सिंह ने बीते 17 बरस में मैदान के अंदर और बाहर कई उतार चढ़ाव झेले, लेकिन हार नहीं मानी और अब 300वां वनडे मैच खेलने की दहलीज पर खड़े हैं। उन्हें कुछ लफ्जों में बयां कर पाना काफी मुश्किल है।
युवराज गुरुवार को भारतीय क्रिकेट के महाराज सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ की श्रेणी में खड़े हो जाएंगे। इससे पहले इन तीनों के अलावा मुहम्मद अजहरुद्दीन ने ही भारत के लिए 300 वनडे खेले हैं। युवराज ने बुधवार को कहा कि मैं रोल मॉडल हूं कि नहीं इस बारे में नहीं जानता, लेकिन यह मुकाम हासिल करना बहुत बड़ी बात है और मैं काफी सम्मानित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि जब मैंने देश के लिए खेलना शुरू किया तो मैं एक ही मैच खेलकर काफी खुश था। वह मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी। उसके बाद कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन मुझे अपने ऊपर गर्व है कि मैं उससे उबरा और अब 300वां मैच खेलने जा रहा हूं।
इसके साथ ही युवी ने कहा कि एक समय मैं यह सोचने लगा था कि क्या मैं एक और मैच खेल पाऊंगा। पसंदीदा पारियों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर 2011 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में खेली गई पारी मुझे पसंद है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला मैच और 2002 में लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल की पारी मुझे बेहद पसंद है।
युवाओं को क्या सलाह देंगे के सवाल पर उन्होंने कहा कि कभी हार नहीं माननी चाहिए। राह में जितनी भी बाधाएं आएं आगे बढ़ते रहना चाहिए। कई बार कमबैक करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि भारत के लिए खेलना इतना कठिन नहीं है जितना यहां टिके रहना। जब चीजें आपके पक्ष में नहीं हों तब भी आपको खुद पर विश्वास रखना होता है। कैंसर से उबरकर आने को याद करते हुए उन्होंने कहा कि फाइटर के तौर पर खुद को देखना मुझे अच्छा लगता है। कई लोग मेरी कहानी से सीख लेते हैं और आशा नहीं छोड़ते हैं। कैंसर पर मैं हमेशा बात करना चाहता हूं। कई लोग इसको लेकर डरते हैं और इसीलिए मैं इस पर बात करके उनमें आशा भरता हूं। जब तक मैं अच्छा खेल रहा हूं तब तक भारत के लिए खेलना चाहता हूं।