सॉरी ऑस्ट्रेलिया, इंडिया में इस बार भी आपकी दाल नहीं गलेगी
हर बार की तरह इस बार भी भारतीय दौरे पर उनकी दाल गलती हुई नहीं नजर आ रही है।
By Bharat SinghEdited By: Published: Fri, 24 Mar 2017 10:13 AM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2017 11:11 AM (IST)
धर्मशाला, अभिषेक त्रिपाठी। चार टेस्ट मैचों की बॉर्डर-गावस्कर सीरीज रोमांचक मोड़ पर पहुंच गई है। शनिवार से सीरीज का आखिरी मैच शुरू होगा और उसे जीतने के लिए ऑस्ट्रेलिया मैदान से ज्यादा उसके बाहर मेहनत कर रहा है। निश्चित तौर पर अभी तक उसका माइंड गेम भारतीय टीम और खास तौर पर उसके कप्तान विराट कोहली पर भारी नहीं पड़ा है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख जेम्स सदरलैंड का यह कहना है कि मुझे नहीं लगता विराट को सॉरी कहना आता है इसी का हिस्सा माना जा रहा है। हर बार की तरह इस बार भी भारतीय दौरे पर उनकी दाल गलती हुई नहीं नजर आ रही है।
ऑस्ट्रेलिया के लिए विश्व क्रिकेट में अपनी धमक बनाए रखने के लिए इस सीरीज को जीतना बहुत जरूरी है और वह इसके महत्व को बेहतर जानता है। ऑस्ट्रेलिया इस समय दुनिया की दूसरे नंबर की टीम है और अगर वह दुनिया की नंबर वन टीम भारत को हरा देती है तो निश्चित तौर पर उसे बहुत फायदा मिलेगा। इस समय सीरीज 1-1 से बराबर है और अब तक हुए तीनों मैच रोमांचक रहे हैं। इसमें स्लेजिंग से लेकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप और एक-दूसरे की नकल तक उतारी गई है।
इस सीरीज को जीतने का जुनून इस हद तक है कि ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ बेंगलुरु में हुए सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में डिसीजन रिव्यू सिस्टम (डीआरएस) लेने के लिए ड्रेसिंग रूम तक की तरफ देखने से नहीं चूके थे। यही नहीं, विराट ने उन्हें मैदान पर टोकने के साथ प्रेस कांफ्रेंस में उनकी खिंचाई कर दी। तब से ऑस्ट्रेलिया की हालत कुछ ऐसी हो गई हो जैसे किसी ने सांप की पूंछ पर पैर रख दिया हो। उसके बाद से ऑस्ट्रेलियाई टीम, उसके पूर्व खिलाड़ी, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख और यहां तक कि वहां की मीडिया विराट को निशाना बना रही है। मानसिक तौर पर बेहद मजबूत भारतीय कप्तान पर इसका कोई असर नहीं हुआ है। उन्होंने तो एक बार प्रेस कांफ्रेंस में भी ऑस्ट्रेलियाई मीडिया को आड़े हाथ लेते हुए कहा था कि उनका माइंड गेम यहां नहीं चलने वाला है।
उल्टा चोर कोतवाल को डांटे
यह कहावत 'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे' स्मिथ के डीआरएस वाले मामले पर फिट बैठती है। स्मिथ ने बेंगलुरु टेस्ट के दौरान एलबीडब्ल्यू होने के बाद रिव्यू लेने के लिए अपने ड्रेसिंग रूम की तरफ देखा था। विराट ने इसके बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि स्मिथ ने ऐसा काम किया है जिसे मैं कह नहीं सकता। उनका इशारा धोखेबाजी की तरफ था। ऑस्ट्रेलिया अपने कप्तान को इस हद तक बचाना चाहता था कि वहां मौजूद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया प्रमुख जेम्स सदरलैंड ने तत्काल अलग से ऑस्ट्रेलियाई मीडिया से बात भी की थी। ऑस्ट्रेलियाई रिपोर्टर ने उस मैच के रेफरी क्रिस ब्रॉड से भी बात कर ली थी।
ऑस्ट्रेलिया किसी भी तरह अपने कप्तान की करतूत को छुपाने के लिए भारतीय कप्तान को निशाने पर रखना चाहता है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की तरह बीसीसीआइ भी अपने कप्तान के साथ खड़ी है। हालांकि उसने स्मिथ के खिलाफ की गई विराट की शिकायत को आगे नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया। बोर्ड की प्रशासनिक समिति के प्रमुख विनोद राय ने कहा कि हर चीज को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में ले जाने की जरूरत नहीं। हम क्रिकेट की भावना को बनाए रखना चाहते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि विराट ने जो कहा था वह सही नहीं था। वह अपनी जगह सही थे।
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया का एक खेमा लगातार विराट पर बयानों का बाउंसर फेंक रहा है। उसकी तरफ से विराट को खेल जगत का डोनाल्ड ट्रंप भी कहा गया, लेकिन सचाई यह है कि विराट भारतीय टीम के ट्रंप कार्ड हैं। उन्होंने पिछले साल टी-20, वनडे और टेस्ट सभी प्रारूप में रन बनाए हैं।
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