इस एक तारीख ने दो-दो बार तोड़ा सचिन का सपना, संन्यास तक लेने का बना लिया था मन
क्रिकेट के भगवान कहें जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने भी कहा था कि वो इस तारीख को कभी नहीं भूल पाएगें।
नई दिल्ली, जेएनएन। 23 मार्च ये तारीख भारतीय क्रिकेट इतिहास के लिए अच्छी नहीं रही है। इस तारीख ने एक नहीं दो-दो बार भारतीय फैंस के दिलों को तोड़ा है। यहां तक कि क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने भी कहा था कि वो इस तारीख को कभी नहीं भूल पाएंगे।
2003 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया वर्ल्ड कप फाइनल में 23 मार्च को ही हारी थी। लेकिन 2007 विश्व कप के दौरान तो इस तारीख ने टीम इंडिया को और भी बड़ा झटका दिया। दरअसल विश्व कप 2007 में भारतीय टीम ट्रॉफी की सबसे बड़ी दावेदार के रूप में उतरी थी।
2007 विश्व कप में भारत को टूर्नामेंट के पहले ही मुकाबले में बांग्लादेश के खिलाफ हार का सामना कर पड़ा था। भारत को बरमूडा के खिलाफ तो जीत मिली थी लेकिन श्रीलंका के खिलाफ हारते ही फाइनल स्टेज में पहुंचने की उसकी उम्मीद 23-मार्च 2007 को बाहर होना पड़ा था। इस हार के बाद सचिन तेंदुलकर भी थे जिन्होंने इसके बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास तक लेने का फैसला कर लिया था।
अंग्रेजी अखबार मिड-डे को दिए एक इंटरव्यू में सचिन ने कहा वह इस घटना से बेहद दुखी थे। वह दो दिन तक वेस्टइंडीज के उस होटल से बाहर नहीं निकले थे। सचिन ने कहा कि वह इस बात पर भी विचार करने लगे थे कि क्या उन्हें आगे खेलते रहना चाहिए या नहीं।
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सचिन ने कहा, 'हम हार के दो दिन बाद तक वेस्टइंडीज के होटल में थे। मेरा कुछ भी करने का मूड नहीं था। हमारे लिए इस घटना से बाहर निकलकर अगले टूर्नामेंट के लिए तैयारी करना बेहद मुश्किल था।'
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सचिन ने कहा, 'मैं आज के दिन (23 मार्च 2007) को अपने क्रिकेट करियर का सबसे बुरा दिन मानता हूं। 2007 का वर्ल्ड कप हमारे लिए अच्छा नहीं रहा था। जब आपको लगता है कि आप जीत सकते हैं लेकिन आप हार जाते हैं तो बुरा लगना लाजमी है’।