जब शतकवीर जाधव को लगने लगा कि वो मैदान से बाहर चले जाएं
पहले वनडे में शतक लगाने वाले केदार जाधव ने कहा है कि उनकी इस शतकीय पारी के दौरान एक समय ऐसा भी आया था जब उन्हें लगा कि वो मैदान छोड़कर बाहर चलें जाएं।
पुणे, जेएनएन। केदार ने खुद अपनी इस दिलचस्प पारी के बारे में कहा कि जब मैं आया उससे पहले मैं इंग्लैंड टीम की बल्लेबाजी देख चुका था। इंग्लैंड के दो-तीन बल्लेबाजों ने ऐसे शॉट लगाए जिससे लगा कि विकेट बहुत अच्छा है। मोइन अली ने इतनी आसानी से पुल शॉट खेले, उससे पता चल गया कि विकेट में शॉट्स मारने के लिए बहुत टाइम मिल रहा है।
गेंदबाजी के दौरान जब मैंने खुद ऑफ स्पिन डाली, तो गेंद जरा सी भी नहीं घूमी। मुझे लगा कि स्पिनर को भी कोई मदद नहीं मिल रही है। फिर मैंने सोचा कि बहुत उत्तेजित होकर शॉट नहीं खेलना है बीच-बीच में सिंगल लेकर स्ट्राइक रोटेट करूंगा।
विराट ने बहुत ज्यादा मदद की और हर बार बोलते रहे कि तुमने पहले भी कई बार 40-50 रन बनाकर मैच छोड़े हैं, तो आज कोशिश करते हैं कि लंबा खेलेंगे और मैच जिताएंगे। जैसे ही मैं 40 के आसपास पहुंच गया, तो मैंने खुद से कहा कि मुझे मानकर चलना है कि मैं अभी बल्लेबाजी करने आया हूं और यहां से मुझे 40 रन और बनाने हैं।
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जैसे-जैसे खेलते चला गया तो बहुत आसानी से बाउंड्री मिलने लगीं, इसलिए मैं और ज्यादा खतरा लेना नहीं चाह रहा था। उसकी वजह से अच्छा बैलेंस रहा। बीच में जब पैर में क्रैंप हुआ तो मैं सोच रहा था कि मैं थोड़ी देर के लिए बाहर चला जाऊं और फिर वापस आकर बल्लेबाजी करूं, लेकिन अंदर से संदेश यही था कि अगर बाहर जाएगा तो क्रैंप और बढ़ जाएगा।
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मुझसे बोला गया कि जितना आगे खेल सकते हो खेलो। 20-30 रन के लिए बल्लेबाजी कर लो। मैं सोच रहा था कि अगर एक ही रन लूंगा तो ज्यादा मेहनत करनी होगी। फिर मैंने सोचा कि लंबे शॉट्स मारूंगा और भागने के लिए समय मिल जाएगा। विराट कुछ देर पहले आउट हुए थे और ऐसा नहीं लगना चाहिए था कि हम डिफेंसिव हो गए हैं। जो मोमेंटम हमने बनाया था वह चला गया है, इसीलिए मैंने आगे आकर शॉट्स मारे। विकेट अच्छा था और वह चलता रहा।
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विराट की स्तरीय फिटनेस और अपनी दौड़ के बारे में उन्होंने कहा कि मुझे सौ टका अपनी फिटनेस बेहतर करने की जरूरत है। हालांकि मैं कहूंगा कि कोहली ने जो स्टैंडर्ड सेट किया है वह कोई नहीं कर सकता।