आइपीएल-9 अंतिम पड़ाव में पहुंचा, आइए जानते हैं पहले चरण के रोमांचक पल व बातों को
आइपीएल-9 में ग्रुप स्टेज काफी रोमांचक रहा। इस बार दो नई टीमें भी उतरी थीं जिसमें भी उतार-चढ़ाव का नजारा देखने को मिला। अब शानदार प्रदर्शन करने वाली चार टीमें प्लेऑफ में पहुंच चुकी हैं, तो चार की विदाई हो गई है। चैंपियन का फैसला रविवार को होगा। आइए जानते
नई दिल्ली। आइपीएल-9 में ग्रुप स्टेज काफी रोमांचक रहा। इस बार दो नई टीमें भी उतरी थीं जिसमें भी उतार-चढ़ाव का नजारा देखने को मिला। अब शानदार प्रदर्शन करने वाली चार टीमें प्लेऑफ में पहुंच चुकी हैं, तो चार की विदाई हो गई है। चैंपियन का फैसला रविवार को होगा। आइए जानते हैं कि इस आइपीएल का पहला चरण किन खिलाड़ियों के नाम रहा।
कोहली का कमाल :
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर के कप्तान विराट कोहली ने एक बार फिर विराट रूप दिखाकर अपनी टीम को प्लेऑफ में पहुंचने में अहम भूमिका निभाई। शुरुआत में प्लेऑफ की दौड़ से लगभग बाहर चल रही टीम को कोहली ने अपने दम पर अंकतालिका में शीर्ष दो में पहुंचा दिया। यहीं नहीं आइपीएल के एक सत्र में चार शतक जड़ने के साथ ही सर्वाधिक रन (919) बनाने का कारनामा भी कर डाला। उन्होंने 91.90 की औसत से यह रन बनाए। यही नहीं आइपीएल में 4000 हजार रन बनाने वाली पहले क्रिकेटर की भी बने।
वार्नर ने जमाया रंग :
सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान डेविड वार्नर ने भी बल्ले से खूब रंग जमाया। उनके दमदार प्रदर्शन के दम पर ही टीम तालिका में तीसरे स्थान पर रहते हुए प्लेऑफ में जगह बनाने में सफल रही। यह ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज छह अर्धशतकों की मदद से 54.83 की औसत ने 658 रन बनाकर पर्पल कैप की दौड़ में कोहली के बाद दूसरे स्थान पर है।
अक्षर की हैट्रिक :
प्रीटी जिंटा की सहमालिकाना हक वाली किंग्स इलेवन पंजाब की टीम इस बार भी अपनी किस्मत नहीं बदल सकी, लेकिन अक्षर पटेल ने इस आइपीएल की पहली और एकमात्र हैट्रिक लगाकर खूब वाहवाही लूटी। बायें हाथ के इस स्पिनर ने गुजरात लायंस के दिनेश कार्तिक, ड्वेन ब्रावो और रवींद्र जडेजा को तीन लगातार गेंदों पर आउट कर यह कारनामा किया। इस ऑलराउंडर ने 14 मैचों में 29.84 की औसत से 13 विकेट झटके।
कृणाल ने जीता दिल :
गत चैंपियन मुंबई इंडियंस भले ही प्लेऑफ से बाहर हो गई, लेकिन कृणाल पांड्या अपने ऑलराउंड खेल से दिल जीतने में जरूर सफल रहे। पिछली बार उनके भाई हार्दिक ने बल्ले और गेंद से कमाल दिखाकर खूब वाहवाही बटोरी थी, हालांकि वह इस बार कुछ खास नहीं कर सके। कृणाल ने 12 मैचों में एक अर्धशतक की मदद से 39.50 की औसत से 237 रन बनाने के अलावा छह विकेट भी चटकाए।