हरमनप्रीत कौर का उड़ा मजाक तो ऐसे दिया करारा जवाब, करा दी सबकी बोलती बंद
2009 में पहला विश्वकप खेलने वाली हरमनप्रीत का जन्म 08 मार्च 1989 को विश्व महिला दिवस के अवसर पर हुआ। पांच साल की उम्र में बल्ला थामने वाली हरमनप्रीत लड़कों के साथ खेलकर बड़ी हुईं।
जालंधर, जेएनएन। इस बार महिला क्रिकेट विश्व कप में नए कीर्तिमान स्थापित करने वाली मोगा के गांव दुन्नेके की हरमनप्रीत कौर चमकदार सितारा बनकर उभरी हैं। नियति ने तो उसके जन्म के समय ही इस बात के संकेत दे दिए थे कि वह बेहतरीन बल्लेबाज बनेंगी और पूरा देश उसकी बल्लेबाजी पर गर्व करेगा। आज वही संकेत हरमनप्रीत और उनके परिवार के लिए सबसे बड़ी धरोहर बन गए हैं।
जन्म के तुरंत बाद हरमनप्रीत को जो शर्ट पहनाई गई, उस पर लिखा था ‘गुड बैटिंग’। उस शर्ट को आज तक उनके माता-पिता ने संभालकर रखा है। दैनिक जागरण से बातचीत में हरमनप्रीत के पिता हरमंदर सिंह और माता सतविंदर कौर ने बताया कि वह शर्ट उनके पिता जन्म के समय बाजार से खरीदकर लाए थे। शर्ट पर बैट्समैन का लोगो बना है और नीचे लिखा है ‘गुड बैटिंग’, वो गुड बैटिंग जिसका परिचय हरमनप्रीत ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए इस विश्व कप के सेमीफाइनल में 115 गेंदों पर नाबाद 171 रन जड़कर दिया।
2009 में पहला विश्वकप खेलने वाली हरमनप्रीत का जन्म 08 मार्च 1989 को विश्व महिला दिवस के अवसर पर हुआ। पांच साल की उम्र में बल्ला थामने वाली हरमनप्रीत लड़कों के साथ खेलकर बड़ी हुईं। हालांकि, बीच में हरमनप्रीत को क्रिकेट छोड़कर हॉकी खेलने की सलाह भी दी गई और उन्हें हॉकी भी थमाई गई। करीब एक सप्ताह तक हॉकी अकादमी जाने के बाद उन्होंने वहां जाना छोड़ दिया। मोगा में वह अकेली महिला क्रिकेट खिलाड़ी थीं जो लड़कों के स्थानीय क्लबों की ओर से खेलती थीं। उनके साथ खेलने वाले बताते हैं कि एक बार क्लब मैच के दौरान प्रतिद्वंद्वी टीम के कुछ खिलाड़ियों ने इस बात का मजाक उड़ाया कि लड़कों की टीम में लड़की सलामी बल्लेबाज के तौर खेलेगी। इस मैच में हरमन ने रिकार्ड 15 छक्के जमाए थे।
जब हुआ था डोप टेस्ट : 2009 में पहला विश्वकप खेलने वाली हरमनप्रीत ने सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक मैच में उस समय महिला क्रिकेट इतिहास का सबसे लंबा छक्का लगाया था। इसकी लंबाई 90 मीटर थी। इसके बाद हरमनप्रीत को डोप टेस्ट का सामना करना पड़ा और उनके बल्ले की जांच भी की गई। हरमनप्रीत डोप टेस्ट क्लीयर कर गईं।