हरभजन सिंह और सुरेश रैना को लगा बड़ा झटका, नहीं बनी बात और मिला ये संदेश
हरभजन सिंह और सुरेश रैना निराश हैं। क्योंकि बीसीसीआइ ने टीम इंडिया के खिलाड़ियों के सालाना कॉन्ट्रैक्ट में इन दोनों को किसी भी ग्रेड में जगह नहीं दी है।
नई दिल्ली, प्रदीप सहगल। बीसीसीआइ ने टीम इंडिया के खिलाड़ियों का सालाना कॉन्ट्रैक्ट जारी किया है। इस नए कॉन्ट्रैक्ट में सभी खिलाड़ियों की मैच फीस में भारी इजाफा हो गया है। बीसीसीआइ ने राशि को दोगुना करते हुए नया कॉन्ट्रैक्ट जारी किया है। इससे सभी भारतीय खिलाड़ी खुश हैं।
टीम इंडिया में खेलने वाले सभी खिलाड़ी खुश हैं। लेकिन इनके साथ खेल चुके हरभजन सिंह और सुरेश रैना निराश हैं। क्योंकि कभी भारतीय टीम के लिए जरुरी रहे इन दोनों खिलाड़ियों को बीसीसीआइ ने किसी भी ग्रेड में जगह नहीं दी गई है। इतना ही नहीं सुरेश रैना को हाल ही में देवधर ट्रॉफी के लिए चुनी गई किसी भी टीम में भी जगह नहीं दी गई।
ये हैं तीनों ग्रेड में शामिल किए गए खिलाड़ी
बीसीसीआइ ने इस बार ग्रेड-A के खिलाड़ियों को वार्षिक रिटेनर रकम के रूप में 2 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है जो कि पिछली बार 1 करोड़ रुपये था। ग्रेड-A में विराट कोहली, महेंद्र सिंह धौनी, रविचंद्रन अश्विन, अजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा, रवींद्र जडेजा और मुरली विजय को रखा गया है। पिछली बार इस ग्रेड में चेतेश्वर पुजारा, जडेजा और विजय का नाम नहीं था। खास नाम है रवींद्र जडेजा का जिन्होंने सीधे ग्रेड-C से ग्रेड-A में छलांग लगाई है।
वहीं, ग्रेड-B के खिलाड़ियों को 1 करोड़ रुपये वार्षिक रिटेनर रकम के रूप में देने का फैसला किया गया है, जो कि पिछली बार 50 लाख रुपये था। इस ग्रेड में बीसीसीआइ ने रोहित शर्मा, लोकेश राहुल, भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा, उमेश यादव, रिद्धिमान साहा, जसप्रीत बुमराह और युवराज सिंह को रखा है।
इसके अलावा तीसरे यानी ग्रेड-C के खिलाड़ियों को इस बार 50 लाख रुपये मिलेंगे जो कि पिछली बार 25 लाख रुपये था। इस ग्रेड में शिखर धवन, अंबाती रायुडू, अमित मिश्रा, मनीष पांडे, अक्षर पटेल, करुण नायर, हार्दिक पांड्या, आशीष नेहरा, केदार जाधव, युजवेंद्र चहल, पार्थिव पटेल, जयंत यादव, मनदीप, धवल कुलकर्णी, शर्दुल ठाकुर और रिषभ पंत को रखा गया है।
बीसीसीआइ ने रैना-भज्जी को दिया संदेश!
इन तीनों ही ग्रेड्स में ना तो हरभजन सिंह का नाम मौजूद है और ना ही सुरेश रैना का। इसका मतलब साफ है कि अब बीसीसीआइ को नहीं लगता कि इन दोनों खिलाड़ियों को किसी ग्रेड में रखना चाहिए। बीसीसीआइ के इस कदम को दोनों खिलाड़ियों के लिए दिया जाने वाला एक संदेश भी समझा जा सकता है।