मार्च 2016 से पहले ही हो जाएगा ये सबसे बड़ा ऐलान ?
बांग्लादेश के खिलाफ शर्मनाक ढंग से वनडे सीरीज गंवाने के बाद एक बड़ा सवाल अब फिर गूंजने लगा है। सवाल महेंद्र सिंह धौनी के भविष्य को लेकर। इस बात में कोई शक नहीं है कि वो भारतीय क्रिकेट के सबसे महान कप्तान हैं, बेशक उनसे बढ़िया फिनिशर कोई नहीं हुआ,
(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। बांग्लादेश के खिलाफ शर्मनाक ढंग से वनडे सीरीज गंवाने के बाद एक बड़ा सवाल अब फिर गूंजने लगा है। सवाल महेंद्र सिंह धौनी के भविष्य को लेकर। इस बात में कोई शक नहीं है कि वो भारतीय क्रिकेट के सबसे महान कप्तान हैं, बेशक उनसे बढ़िया फिनिशर कोई नहीं हुआ, बेशक वो हर प्रारूप में सर्वश्रेष्ठ साबित हुए लेकिन क्या अब उस महान दौर का अंत होने जा रहा है और क्या धौनी का संन्यास मार्च 2016 से पहले ही आने वाला है। क्या हो सकते हैं इसके कारण, आइए जानते हैं।
- मार्च 2016 से पहले क्यों?:
दरअसल, मार्च 2016 में भारत पहली बार टी20 क्रिकेट विश्व कप की मेजबानी करने वाला है। धौनी ने हाल में विश्व कप 2015 में हार के बाद कहा था कि फिलहाल वो खेलते रहेंगे क्योंकि उनकी नजर अगले साल होने वाले टी20 विश्व कप पर है लेकिन जो हालत इस समय टीम इंडिया की नजर आ रही है और जिस तरह धौनी की कप्तानी व रणनीतियां फ्लॉप होती नजर आ रही हैं, उसको देखते हुए माही बिल्कुल नहीं चाहेंगे कि भारतीय जमीन पर टीम इंडिया कुछ इस तरह से विश्व कप में हारे। उनका करियर वनडे विश्व कप, टी20 विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े खिताबों से सजा हुआ है और जाहिर तौर वो इस पर दाग नहीं लगाना चाहेंगे।
- सचिन वाली वो समस्या बनेगी वजह?:
हाल में धौनी के पुराने कोच ने ये खुलासा किया था कि माही ने टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास इसलिए लिया क्योंकि उन्हें टेनिस एल्बो की दिक्कत सता रही है। ये एक ऐसी इंजरी है जिसने एक समय सचिन तेंदुलकर जैसे महान खिलाड़ी को समय से पहले संन्यास लेने के लिए मजबूर कर दिया। सचिन तो उस समय से टक्कर लेकर वापसी कर गए लेकिन क्या धौनी भी ऐसा कर पाएंगे, वो भी इतने व्यस्त कार्यक्रम के बीच?
- राजा वेंकट का वो खुलासा और अब श्रीनिवासन भी गएः
धौनी के मुरीद माने जाने वाले बीसीसीआइ के पूर्व अध्यक्ष एन.श्रीनिवासन का भारतीय क्रिकेट पर राज खत्म हो चुका है। कुछ ही दिनों पहले पूर्व सेलेक्टर राजा वेंकट ने खुलासा किया था जिसमें ये जाहिर हुआ कि 2012 में ही चयन समिति के सदस्य धौनी को कप्तानी से हटा देना चाहते थे लेकिन श्रीनिवासन ने अपने शीर्ष पद के अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए धौनी की पैरवी की थी। हालांकि फिर भी उन्हें श्रीनिवासन की कमजोर पड़ती नींव को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया में हार के बाद टेस्ट क्रिकेट को तो अलविदा कहना ही पड़ा था।