धौनी में अब भी मौजूद है वो फुर्ती, अपने ही गेंदबाज को चौंकाया
लोग जितना भी धौनी के करियर पर टिप्पणी करें, बेशक आलोचक आए दिन उनके संन्यास को लेकर बातें करते रहें लेकिन अब भी ये एक हकीकत है कि विकेट के पीछे उनसे बेहतर अभी कोई नजर नहीं आता। उम्र का हवाला दिया जाए या बल्लेबाजी में उनके फॉर्म को लेकर
नई दिल्ली, [शिवम् अवस्थी]। लोग जितना भी धौनी के करियर पर टिप्पणी करें, बेशक आलोचक आए दिन उनके संन्यास को लेकर बातें करते रहें लेकिन अब भी ये एक हकीकत है कि विकेट के पीछे उनसे बेहतर अभी कोई नजर नहीं आता। उम्र का हवाला दिया जाए या बल्लेबाजी में उनके फॉर्म को लेकर फुर्ती में कमी की बातें की जाएं लेकिन तकरीबन हर दूसरे मुकाबले में कैप्टन कूल ये साबित कर ही देते हैं कि अब भी टीम को उनकी जरूरत है।
- घर में जलवाः
दूसरा टी20 मैच रांची में था और घर में धौनी जलवा न बिखेरें, ये भला कैसे हो सकता है। बल्लेबाजी का मौका तो काफी देर में मिला इसलिए 9 रन पर नाबाद लौट गए लेकिन जब बारी विकेटकीपिंग की आई तो अपने गेंदबाज को चौंकाने से भी नहीं चूके। माही ने मैच में दो अहम स्टंपिंग व एक कैच को अंजाम दिया। उन्होंने गुणाथिलाका को जहां विकेट के पीछे कैच आउट किया वहीं इस मैच में श्रीलंका के ट्रंप कार्ड माने जा रहे अनुभवी बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान को शून्य पर स्टंप करके श्रीलंका को सन्न कर दिया। ये सिलसिला यहीं नहीं थमा। पारी के 12वें ओवर में जब विरोधी टीम के विकेटकीपर चंडीमल 29 गेंदों पर 31 रन बनाकर शानदार अंदाज में पिच पर सेट हो गए थे तभी जडेजा की एक गेंद पर धौनी के हाथ इतनी तेज चले कि इससे पहले कि बल्लेबाज या खुद उनका गेंदबाज कुछ समझ पाता, लेग अंपायर की आंखें भी न पकड़ पाईं और इशारा थर्ड अंपायर की ओर कर दिया गया। रीप्ले में दिखा कि महज एक सेकेंड के लिए चंडीमल ने अपना कदम क्रीज के अंदर उठाया था और धौनी ने इन्हीं पलों में गिल्लियां बिखेर दीं।
- आंकड़े भी गजब के हैंः
विकेट के पीछे मुस्तैद रहने वाले विश्व क्रिकेट के धुरंधरों में आज भी धौनी का कोई जोड़ नहीं है। मौजूदा क्रिकेटरों में वो विकेट के पीछे शिकार करने में सबसे आगे हैं और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट इतिहास (सभी फॉर्मेट मिलाकर) में इस मामले में वो तीसरे स्थान पर हैं। धौनी ने 2004 से 2016 के बीच अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर के दौरान अब तक विकेट के पीछे तकरीबन 683 शिकार किए हैं जिसमें तकरीबन 541 कैच और 142 स्टंपिंग शामिल हैं। वो इस मामले में सिर्फ दक्षिण अफ्रीका के पूर्व दिग्गज मार्क बाउचर (998 डिसमिसल) और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज एडम गिलक्रिस्ट (905 डिसमिसल) से ही पीछे हैं।