बोर्ड में मेरी भूमिका नाइट वॉचमैन की: विनोद राय
विनोद राय का काम यह सुनिश्चित करना होगा कि बीसीसीआइ के पदाधिकारियों के चुनाव में कोई परेशानी न आए।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त प्रशासकों के चार सदस्यीय समिति के प्रमुख भारत के पूर्व नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग) विनोद राय ने सोमवार को खुद को 'नाइट वॉचमैन' करार दिया और कहा उनका काम यह सुनिश्चित करना होगा कि बीसीसीआइ के पदाधिकारियों के चुनाव में कोई परेशानी न आए।
सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआइ के कामकाज के संचालन और न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति की अदालत से मंजूर सिफारिशों को लागू करने के लिए सोमवार को प्रशासकों की चार सदस्यीय समिति गठित की। राय से जब उनकी नई भूमिका के बारे में पूछा गया, उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से मिले इस तरह के किसी भी सम्मान को किसी को भी स्वीकार करकेअपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं क्रिकेट का सच्चा प्रशंसक हूं। मेरी भूमिका इस संदर्भ में नाइट वॉचमैन की होगी। हमें सुशासन, अच्छी व्यवस्था और बेहतर ढांचा तैयार करने की जरूरत है जिससे पदाधिकारियों का सुचारू तरीके से निर्वाचन सुनिश्चित हो सके जो भविष्य में बीसीसीआइ में अच्छा प्रशासन लेकर आएंगे। राय ने कहा कि खेल को इसकी (अच्छे प्रशासन) जरूरत है। खिलाडि़यों को इसकी जरूरत है और विशेषकर लोगों को इसकी जरूरत है जो इस खेल के दीवाने हैं।
भारत में भ्रष्टाचाररोधी अभियान के प्रतीक रहे राय ने कहा कि क्रिकेट को सुशासन की जरूरत है, लेकिन वह अपना पद संभालने के बाद ही बीसीसीआइ पर किसी तरह की टिप्पणी करने की स्थिति में होंगे। उन्होंने कहा कि अभी कोई टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी, क्योंकि मुझे उस बारे में च्यादा पता नहीं है और बीसीसीआइ के कामकाज से परिचित नहीं हूं, लेकिन किसी भी संस्थान को सुशासन सुनिश्चित करना चाहिए। राय से पूछा गया कि बीसीसीआइ को ढर्रे पर लाने में उन्हें और उनकी टीम को कितना वक्त लगेगा, उन्होंने कहा कि मुझे इसका पता नहीं है। कुछ पता चलने पर ही मैं इस बारे में बता सकता हूं।
- जानिए बोर्ड के नए संचालकों को
विनोद राय : 1972 बैच के केरल कैडर के आइएएस विनोद राय नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के रूप में उस समय पूरे देश में मशहूर हुए जब उन्होंने संप्रग के शासनकाल में 2 जी और कोयला घोटाले की पर्ते खोलीं। विनोद राय की छवि एक ईमानदार और सक्षम प्रशासनिक अधिकारी की है।
रामचंद्र गुहाः प्रख्यात इतिहासकार और लेखक रामचंद्र गुहा ने पर्यावरण, समाज, राजनीति के अलावा जिस विषय पर सर्वाधिक शोध कार्य किया है वह क्रिकेट ही है। वह कुछ समय के लिए लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से भी जुड़े। 2009 में उन्हें देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण मिला। 58 वर्षीय गुहा प्रथम श्रेणी के जबर्दस्त जानकार हैं। वह इस संबंध में देश-दुनिया के महत्वपूर्ण अखबारों में कॉलम भी लिखते रहे हैं।
विक्रम लिमये : विक्रम लिमये का क्रिकेट से तो कोई लेना-देना नहीं है। पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट वित्तीय प्रबंधन में महारथ रखते हैं। वह अनेक सरकारी और उद्योग संगठनों में बुनियादी ढांचे, मार्केट, ट्रेड, इकोनॉमिक पालिसी जैसे तमाम विषयों पर बतौर सलाहकार अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वह आइडीएफसी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ हैं।
डायना इडुलजी : भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान डायना इडुलजी के नाम भारत में सबसे अधिक टेस्ट विकेट लेने का रिकॉर्ड है। शांता रंगास्वामी के साथ वह देश की महिला क्रिकेटरों के लिए सबसे बड़ी प्रेरणा मानी जाती हैं। उन्हें अर्जुन ैवार्ड और पद्मश्री से भी नवाजा जा चुका है।