अब काफी आकर्षक हो गया है टेस्ट क्रिकेट- गावस्कर
टेस्ट क्रिकेट में अब ढेरों रन बनते हैं, खूब चौके-छक्के लगते हैं और बल्लेबाज अब कम ही गेंद खाली छोड़ते हैं। इससे टेस्ट क्रिकेट काफी आकर्षक हो गया है।
नई दिल्ली, (गावस्कर का कॉलम)। सीमित ओवरों के क्रिकेट की वजह से अब टेस्ट मैचों के ड्रॉ होने के दिन बीते जमाने की बात हो गई है। हालांकि अभी भी कुछ मैच ड्रॉ होते हैं, लेकिन उसकी वजह खराब मौसम से खेल का बर्बाद होना है। अब ढेरों रन बनते हैं, खूब चौके-छक्के लगते हैं और बल्लेबाज अब कम ही गेंद खाली छोड़ते हैं। इससे टेस्ट क्रिकेट काफी आकर्षक हो गया है। लेकिन दर्शक यह समझने को तैयार नहीं हैं कि टेस्ट क्रिकेट में 50 और 20 ओवरों के गेम से ज्यादा ड्रामा होता है।
पिछले हफ्ते दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में क्रिकेट मैच खेले गए। सभी तीनों परिणाम घरेलू टीम के पक्ष में गए। यह एक अलग पक्ष हालिया दिनों में सामने आने लगा है, पहले घरेलू टीम को हराना बहुत ही मुश्किल होता था। यह तीसरे देश के अंपायर की मौजूदगी में ऐसा हो रहा है। आप मेरा विश्वास कीजिए पूर्व में घरेलू टीम के अंपायरों का मैच के परिणाम पर गहरा असर होता था। अब जबकि घरेलू पिचें मेजबान टीम की ताकत के अनुसार बनाई जाती है तब भी खेल से जुड़े लोग टेस्ट मैच पांचवें दिन तक खेला जाना पसंद करते हैं।
दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को आसानी से हराकर टेस्ट सीरीज जीती और इस धारणा को भी गलत साबित कर दिया कि घरेलू टीम को हराना मुश्किल होता है। ऑस्ट्रेलियाई टीम इस समय खराब दौर से गुजर रही है, खासकर बल्लेबाजी में। इसमें कोई संदेह नहीं है कि उन्होंने औपचारिकता मात्र रह गए तीसरे मैच में जीत दर्ज कर आत्मविश्वास हासिल किया। यह विश्वास पाकिस्तान के खिलाफ आगामी सीरीज में उसके काम आएगा।
जिस तरह पाकिस्तान ने न्यूजीलैंड के खिलाफ आखिरी दिन टी के बाद नौ विकेट खोकर टेस्ट मैच गंवाया उससे पता चलता है कि इस टीम के साथ कुछ भी संभव है। यह ऐसी टीम है जो एक सत्र में असाधारण खेल दिखाती है और अगले ही सेशन में उससे मिला लाभ पूरी तरह गंवा देती है। पाक के खिलाफ आठ विकेट लेने वाले टिम साउथी एडिलेड टेस्ट के शतकवीर स्टीफन कुक व ख्वाजा और रॉस टेलर को पछाड़कर सिएट इंटरनेशनल क्रिकेटर ऑफ द ईयर बने।