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सेमीफाइनल में भारत को अपनी इस कमज़ोरी पर पाना होगा काबू

बांग्लादेश के खिलाफ भारतीय टीम को अपनी इस कमज़ोरी से पार पाना होगा, नहीं तो ये बांग्लादेश की टीम भारत पर हावी हो सकती है।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Wed, 14 Jun 2017 07:52 PM (IST)Updated: Thu, 15 Jun 2017 12:37 PM (IST)
सेमीफाइनल में भारत को अपनी इस कमज़ोरी पर पाना होगा काबू
सेमीफाइनल में भारत को अपनी इस कमज़ोरी पर पाना होगा काबू

(गावस्कर का कॉलम) 

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बर्मिंघम में दूसरे सेमीफाइनल में उतरते वक्त भारत को बांग्लादेश को हल्के में लेने की भूल करने से बचना होगा। बेशक, अभ्यास मैच में भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ 300 से ज्यादा रन बनाए थे और उसे बेहद कम स्कोर पर समेट दिया था। मगर बांग्लादेश की उस टीम में तमीम इकबाल नहीं थे। वह निरंतर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और पिछले मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ भले ही वह शून्य पर आउट हो गए, लेकिन इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबलों में शतक और शतक के करीब का स्कोर आपको बताता है कि वह किस शानदार फॉर्म में हैं।

इसके अलावा शुरुआती विकेट जल्द गिर जाने के बाद शाकिब अल हसन और महमूदुल्लाह की मुश्किल हालात में खेली गईं पारियां दिखाती हैं कि ये एक अलग बांग्लादेशी टीम है जो आसानी से हथियार नहीं डालती। उनकी गेंदबाजी भी बेहतरीन है। खासकर, मुस्ताफिजुर की गेंदों पर रन बनाना आसान नहीं है। बांग्लादेशी टीम अब जानती है कि विदेश में कैसे जीता जाता है। वे कुछ अच्छी जीत दर्ज कर चुके हैं और इंग्लैंड के हालात के लिए उनके पास बढि़या टीम है।

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ प्रभावशाली जीत के बाद भारतीय टीम आत्मविश्वास से भरी होगी। अश्विन को टीम में वापस लाने का फैसला अच्छा रहा। पिच, मौसम, विपक्षी टीम, हालात चाहें कैसे भी हों आपको लगातार मैच जिताने वाले गेंदबाज को टीम से बाहर रखना समझ से परे की बात है। आप अपने सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज को टीम से बाहर नहीं बैठा सकते, क्या आप ऐसा करेंगे। तो फिर सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज को क्यों बाहर बैठाया गया? भारतीय ओपनर जबरदस्त लय में हैं और अगर वे अच्छी शुरुआत करते हैं तो फिर उन्हें रोकना बिल्कुल भी आसान नहीं होगा। द. अफ्रीका के खिलाफ सस्ते में आउट होने के बाद रोहित शर्मा से अब एक बड़े स्कोर की उम्मीद है। धवन पहले से ही जबरदस्त फॉर्म में हैं। ऐसे में भारत को उनसे तेज शुरुआत की उम्मीद होगी। द. अफ्रीका के खिलाफ विराट कोहली ने भी अपनी फॉर्म की झलक दिखाई थी और निचले क्रम से भी भरपूर समर्थन मिल रहा है।

भारत की गेंदबाजी भी विश्व स्तरीय है। जिस तरह उन्होंने द. अफ्रीका के खिलाफ डॉट गेंदें फेंककर दबाव बनाया, वो काबिलेतारीफ प्रदर्शन था। एक बार फिर फील्डिंग ही वह क्षेत्र है जहां टीम को सुधार करने की जरूरत है। सर्वश्रेष्ठ फील्डरों से कैच छूट रहे हैं, ये तो समझ आता है। लेकिन आखिर हाथ और पैरों के बीच से गेंद निकलकर कैसे जा रही है। कोहली ने पहले मुकाबले से भी सबक सीखा है और अपने तेज फील्डरों को डीप में रखा है। क्योंकि 30 यार्ड के सर्किल में सिंगल्स कैसे भी चले ही जाते हैं, इसलिए तेज फील्डरों को वहां रखने का कोई मतलब नहीं है। भारतीय टीम बेहतरीन लय में है और ये देखना अच्छा है। हालांकि क्रिकेट एक फनी गेम है और दबाव शांत से शांत खिलाडि़यों और अनुभवी से अनुभवी टीम को भी तोड़ देता है।

(पीएमजी)

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