टीम इंडिया की जर्सी की चमक इस महीने से होगी फीकी, नहीं दिखेगा ‘स्टार’
स्टार ने बीते दिनों भारतीय क्रिकेट टीमों के जर्सी प्रायोजक के तौर पर एक मार्च को खत्म हो रहे अनुबंध को नवीकरण न करने का फैसला किया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारत में खेलों के प्रमुख प्रसाकरणकर्ता 'स्टार इंडिया' ने टीम इंडिया की जर्सी के प्रायोजक के अनुबंध को रिन्यू नहीं कराने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में टीम इंडिया की जर्सी पर स्टार का लोगो देखने को नहीं मिलेगा। इसकी वजह बीसीसीआइ का घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों पर हो रहा टकराव है।
स्टार इंडिया का मानना है कि अगर दुनिया भर में प्रशासनिक और वित्तीय क्षेत्रों में भारतीय क्रिकेट का वर्चस्व खत्म होता है तो यह विश्व क्रिकेट के लिए खतरनाक हो सकता है। स्टार के पास 2015 से 2023 तक भारत में होने वाले क्रिकेट मैचों तथा आइसीसी टूर्नामेंट्स का प्रसारण अधिकार है।
वेबसाइट ईएसपीएन क्रिकइंफो ने स्टार इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) उदय शंकर के हवाले से लिखा है, 'अगर आइसीसी द्वारा बीसीसीआइ को किनारे किया जाता है तो व्यापार करने का जोखिम बेहद ज्यादा हो जाएगा।'
शंकर ने यह बात आइसीसी के उस कदम पर कही जिसमें उसने क्रिकेट के तीन बड़े देशों को किनारे करने की बात कही है। आइसीसी की हाल ही में हुई बैठक में उसने नए वित्तीय ढांचे का प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत बीसीसीआइ की मौजूदा कमाई 2014 में लगाए गए अनुमान से लगभग आधी रह जाएगी।
इस प्रस्ताव को बैठक में 8-2 की वोटिंग से पारित कर दिया गया था। जून में होने वाली बैठक में इसे अंतिम अनुमति मिलने का इंतजार है। वेबसाइट ने शंकर के हवाले से लिखा है, 'अगर भारत अग्रणी भूमिका नहीं निभाता है और अपनी आवाज खो बैठता है तो यह वैश्विक क्रिकेट के लिए नुकसानदायक होगा।'
उन्होंने कहा, 'हमारे लिए इस समय समस्या इस बात की है कि हम क्रिकेट में अब आम सहमति वाला रिश्ता नहीं देख रहे हैं। क्रिकेट की ताकत इस बात से है कि इसमें सभी लोग साथ हों। वैश्विक क्रिकेट को चलाने वाले नेतृत्व की जिम्मेदारी इसे आगे ले जाने की है। लेकिन यह रिश्ता टूटता नजर आ रहा है। इस समय हमारी सबसे बड़ी समस्या आइसीसी और बीसीसीआइ में आई दरार को लेकर है। हमें क्रिकेट की राजनीति से कुछ नहीं करना।'
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हाल ही में भारतीय क्रिकेट कई उतार चढ़ावों से गुजरा है, जिसमें आइसीसी के साथ मतभेद तथा लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लेकर सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद आाया भूचाल भी शामिल हैं। इसी को देखते हुए स्टार ने बीते दिनों भारतीय क्रिकेट टीमों के जर्सी प्रायोजक के तौर पर एक मार्च को खत्म हो रहे अनुबंध को नवीकरण न करने का फैसला किया है।